इंदौर: देश के सबसे साफ शहर की सूरत अब धूल, गड्ढों और ट्रैफिक जाम से बुरी तरह बिगड़ चुकी है. लोग अब शहर में बेलगाम होते और बढ़ते यातायात से मुक्ति चाहते हैं. जिस तरह शहर में आबादी और सडक¸ों पर दौडऩे वाले वाहनों की संख्या में हर दिन इजाफा हो रहा है, उससे यह अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि निकट भविष्य यहां की हालत क्या होगी? यह बहुत बड़ी चिंता की बात है. अमूमन शहर के हर मुख्य मार्ग से गुजरने और वहां रहने वाले लोग ट्रैफिक जाम की समस्या से रोज ही खासकर, शाम के समय दो-चार होने को मजबूर हैं.
आज शहर की लगभग हर सडक¸ पर वाहन चलाना दूभर हो रहा है. वाहनों की रोज बढ़ती संख्या यातायात व्यवस्था बुरी तरह बिगाड़ रहे हैं. मुख्य मार्गों में अगर बात की जाए जवाहर मार्ग की तो यहां अब ऐसे फ्लाईओवर की जरूरत है, जो भविष्य के यातायात को संभाल सकें. कुछ वर्ष पहले संजय सेतू बनाया गया, जिससे राजवाड़ा की ओर जाने वाले वाहनों को इस मार्ग पर विभाजित कर दिया गया, फिर भी बढ़ती वाहन संख्या के कारण यहां कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ा. जवाहर मार्ग और नंदलालपुरा कबूतर खाना पर दिनभर जाम लगता ही रहता है.
यही नहीं साउथतोड़ा रिवर साईड से सैकड़ों परिवारों को हटाते हुए यहां चौड़े मार्ग का निर्माण कर दिया गया, लेकिन इससे भी कुछ फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि चंद्रभागा पुल से पंडरीनाथ मंदिर की ओर जाने वाला मार्ग एक गलीनुमा सडक¸ होने से यहां दिन में कई बार जाम लगता है. वहीं, नंदलालपुरा शनि मंदिर, गुरूद्वारा चौराहा, दूसरी तरफ सैफी होटल, बैंक ऑफ बड़ौदा चौराहा पर जाम लगते ही पूरे जवाहर मार्ग की यातायात व्यावस्था चरमरा जाती है, यहां का यातायात सुचारू रूप से संचालित होने के लिए नए सिरे से योजना बनाना आवश्यक हो गया है.
यह बोले रहवासी
अब जवाहर मार्ग पर कार चलाना नामुमकिन सा हो चुका है. वर्तमान में अब दिन में भी कई बार जाम लग जाता है. शाम के समय तो यहां की स्थिति और भी बदतर हो जाती है. वाहन जहां गुत्थमगुत्था हो जाते हैं, वहीं वाहन चालक भी आपस में उलझते रहते हंै. इसका विकल्प जरूरी है.
– आनंद रावत
यातायात समस्या से इस मार्ग पर पहले की तुलना में व्यापार में भी गिरावट आई है. जाम के कारण ग्राहक यहां रुकता नहीं है या आता ही नहीं है. पार्किंग की समस्या भी बढ़ गई है. इस क्षेत्र में नई व्यवस्था की जरूरत है.
– अनिल यादव
जवाहर मार्ग पर बढ़ते यातायात की समस्या अब चरम पर पहुंच चुकी है. इसको लेकर शासन-प्रशासन को गंभीरता से मंथन करने की जरूरत है, अन्यथा आने वाले समय में यातायात की स्थिति विस्फोटक बन जाएगी.
– योगेश ठाकुर
