नयी दिल्ली 29 मई (वार्ता) सेना ने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के विभिन्न अभियानों में जान गंवाने वाले शहीद सैनिकों को बुधवार को यहां राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि देकर 76 वां संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया।
लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर, सेना स्टाफ उप प्रमुख (सूचना प्रणाली और समन्वय), संयुक्त राष्ट्र संगठन के अधिकारियों, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों ने इस मौके पर शहीद सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित की। यह दिन 1948 में पहले संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, ‘यूएन ट्रूस सुपरविजन ऑर्गनाइजेशन’ के फिलिस्तीन में कार्य शुरू करने की याद में मनाया जाता है।
इस दिन हर वर्ष संयुक्त राष्ट्र और दुनिया भर के देश उन पुरुष तथा महिला सैनिकों के पेशेवर समर्पण और साहस को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में सेवा की है या सेवा कर रहे हैं। यह दिन उन लोगों के बलिदान का भी सम्मान करता है जिन्होंने शांति के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए हैं।
भारत की संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा अभियानों में योगदान की समृद्ध विरासत है और वह शांति सेना में सबसे अधिक सैनिक भेजने वाले देशों में है। भारत ने शांति मिशनों में लगभग 2,87,000 सैनिकों की सेवाओं का योगदान दिया है। भारतीय सेना के जवानों ने कठिन, चुनौतीपूर्ण इलाके तथा संचालन स्थितियों में काम किया है और संयुक्त राष्ट्र के जनादेश को बनाए रखने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने की हद तक अनुकरणीय साहस एवं वीरता का प्रदर्शन किया है। गौरतलब है कि भारतीय सेना के 160 जवानों ने दुनिया भर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। अभी भारतीय सशस्त्र बलों के जवान नौ देशों में शांति मिशनों में तैनात हैं।
भारतीय सेना की मेजर राधिका सेन को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय द्वारा ‘मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर 2023’ से सम्मानित करने के लिए चुना गया है, जो संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना पहल में भारतीय महिलाओं के सकारात्मक योगदान का प्रमाण है।