खार्तूम, 20 सितंबर (वार्ता) सूडान सरकार ने शुक्रवार को अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) पर उत्तरी दारफुर की राजधानी अल फशर में एक मस्जिद पर बमबारी करने का आरोप लगाया, जिसमें सुबह की नमाज़ के दौरान 70 से ज़्यादा नागरिक मारे गए।
विदेश मंत्रालय ने अल-दराजा पड़ोस की मस्जिद पर “जघन्य आतंकवादी हमले” की निंदा करते हुए कहा कि इस हमले में कई नमाज़ियों को चोटें आईं और इमारत आंशिक रूप से नष्ट हो गई।
मंत्रालय ने कहा कि यह हमला नागरिकों और पूजा स्थलों की सुरक्षा करने वाले “धार्मिक मानदंडों और अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों का घोर उल्लंघन” है।
मंत्रालय ने नागरिकों और बुनियादी ढाँचे के खिलाफ व्यवस्थित दुर्व्यवहार के लिए आरएसएफ को दोषी ठहराया और अंतर्राष्ट्रीय समुदायों से “निहत्थे नागरिकों को निशाना बनाने वाले आतंकवाद” के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया।
अल फशर में स्वयंसेवी समूहों ने शुक्रवार को पहले कहा था कि अबू शौक शिविर के 20 विस्थापित निवासियों सहित 75 से अधिक लोग मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि आरएसएफ द्वारा संचालित एक ड्रोन ने सुबह की नमाज़ के दौरान मस्जिद पर हमला किया।
हांलाकि आरएसएफ ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
एल फशर में मई से आरएसएफ और सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और उनके सहयोगियों के बीच झड़पें जारी हैं। अप्रैल 2023 में शुरू हुए एसएएफ और आरएसएफ के बीच युद्ध में देश भर में हज़ारों लोग मारे गए हैं और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, जिससे सूडान का मानवीय संकट और गहरा गया है।
सूडान ने अर्धसैनिक बलों पर अल फशर में मस्जिद पर बमबारी का लगाया आरोप
