
काठमांडू, 09 सितम्बर (वार्ता) नेपाल में ओली सरकार के गिरने के बाद भी उपद्रव थमने के नाम नहीं ले रहे हैं। देश में कई जगहों पर हो रही हिंसा की वारदातों को देखते हुए कई वरिष्ठ अधिकारियों, सेना के बड़े अफसरों, और काठमांडू मेयर बालेंद्र शाह ने लोगों से हिंसा का रास्ता छोड़ने और शांति बनाए रखने की अपील की है।
प्रशासन और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने मृतकों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की और घायलों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए एक संयुक्त अपील जारी करके कहा है, “प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, इसलिए हम सभी नागरिकों से शांति बनाए रखने और जान-माल को और नुकसान से बचाने का आग्रह करते हैं।” इसमें आगे कहा गया है कि “हम सभी संबंधित पक्षों से राजनीतिक बातचीत के माध्यम से शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान निकालने का भी आह्वान करते हैं।”
कांतिपुर समाचार पत्र ने बताया है कि इस पर अपील पर सेना और शासन के बड़े अधिकारियों के दस्तखत हैं। इनमें नेपाल सरकार के मुख्य सचिव एकनारायण आर्यल, सेनाध्यक्ष, नेपाली सेना अशोक राज सिगदेल, गृह सचिव गोकर्णमणि दुवादी और अन्य वरिष्ठ लोग शामिल हैं। इन अधिकारियों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि स्थिति को स्थिर करने और आगे किसी भी प्रकार की हताहत या संपत्ति के नुकसान को रोकने के लिए नागरिकों का सहयोग और सभी पक्षों का संयम अत्यंत महत्वपूर्ण है।
काठमांडू मेयर और लोकप्रिय नेता बालेंद्र ने भी लोगों से संयम बरतने की अपील की है। एक फेसबुक पोस्ट में, मेयर शाह ने स्वीकार किया कि चल रहे प्रदर्शन “पूरी तरह से जेनरेशन ज़ेड का आंदोलन” हैं और इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकार का इस्तीफ़ा पहले ही मिल चुका है। उन्होंने लिखा, “प्रिय जेनरेशन ज़ेड, सरकार के इस्तीफ़े की आपकी माँग मान ली गई है। अब संयम बरतने का समय है।”
देश मेें कई जगहों पर उपद्रव की खबरें लगातार आ रही हैं। प्रदर्शनकारियों ने नेपाली कांग्रेस के प्रमुख शेर बहादुर देउबा और विदेश मंत्री आरजू राणा पर भी हमला करके घायल कर दिया।
गंभीर हालात देखते हुए काठमांडू हवाई अड्डे से सभी उड़ानें स्थगित कर दी गई हैं। त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने आज रात सभी उड़ानें स्थगित कर दी हैं। हवाई अड्डे के आसपास और रनवे पर धुआँ दिखाई देने के कारण हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया।
जनरेशन जेड के नेतृत्व में चल रहे प्रदर्शनों में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को शीतल निवास स्थित राष्ट्रपति कार्यालय में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने बार-बार प्रमुख संस्थानों और नेताओं के आवासों को निशाना बनाया है। सिंह दरबार महल, संघीय संसद, सर्वोच्च न्यायालय, विशेष न्यायालय, जिला न्यायालयों, महान्यायवादी कार्यालय, भूमि राजस्व कार्यालयों और शीर्ष राजनीतिक नेताओं के घरों और कार्यालयों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं।
