
डिंडोरी। विगत दिवस जनपद बजाग कि ग्राम पंचायत गीधा मे जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते द्वारा जनपद सदस्य पति के साथ मारपीट कि गई, जिसके चलते आक्रोषित ग्राम वासियों ने डिंडोरी – अमरकंटक राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग दो घंटे जाम लगा दिया। जिसके चलते दोनों ओर वाहनो कि लम्बी – लम्बी कतारे लग गई। ग्रामींणो के मुताबिक सुबह सरपंच – उपसरपंच के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पंचायत भवन मे बैठक बुलाई गई थी, जिसमे जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते भी समझौता कराने पहुंचे थे। लेकिन इसी बीच जनपद सदस्य के पति के साथ तना – तनी हो गई और रुदेश ने आव देखा ना ताव और सरपंच पति को एक थप्पड़ दे मारा और मौक़े से नौ – दो – ग्यारह हो लिये। संभवतः इसलिए भी कि ” गाँव से बड़ी बारात नहीं होती ” और रुदेश यह बात बखूबी जानते हैँ। फिर क्या था यह जानकारी गाँव मे आग कि तरह फ़ैल गई और आक्रोषित ग्रामींणो ने डिंडोरी – अमरकंटक राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया. जिसे जनप्रतिनिधियों, पुलिस और प्रशासनिक महकमे कि समझाश के बाद बमुश्किल खोला जा सका।
कैसे उलझा मामला..? — बता दें कि ग्राम पंचायत गीधा मे पंचायत प्रतिनिधियों सरपंच – सचिव द्वारा व्यापाक स्तर पर अनियमितताएं कि गई हैँ, और पंद्रहवे वित्त व पंच परमेश्वर का तकरीबन 68 मजदूरों का भुगतान विगत छः माह से अटका पड़ा है। जिसे लेकर मजदूर जनसुनवाई मे भी पहुंचे, लेकिन समाधान ना हुआ। ऐसी स्थिती मे हरतालिका तीज के दिन पंचायत से लगभग डेढ़ सौ पुरुष व महिलाये जागरूकता के अभाव मे सरपंच – उपसरपंच के खिलाफ अविश्वाश प्रस्ताव तैयार कर कार्यालय कलेक्टर पहुंचे थे। और वहां शीघ्र न्याय मिलने कि संभावना को मद्देनजर शहपुरा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे को भी बुलाया गया था। जिस पर शहपुरा विधायक ने सम्बंधित अधिकारियों से मुलाक़ात कर स्वयं के व्यय से अविश्वास प्रस्ताव मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पंचो को बजाग अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय राजस्व के पास भेजा था। जिस पर अनुविभागीय अधिकारी ने उन्हें शुक्रवार तक का समय दिया था। लेकिन वह कोई कार्यवाही कर पाते उससे पहले ही पंचायत मे रुदेश और जनपद सदस्य पति के बीच यह विवाद हो गया।
रुदेश के खिलाफ भड़का आक्रोश — बता दें कि जब हम जाम मे उपस्थित ग्रामींणो से रूबरू हुये तो उनकी नाराजगी देख यह अंदाजा सहज़ ही लगाया जा सकता है कि यदि वास्तव मे जिला पंचायत अध्यक्ष ने यह हरकत कि थी, और वह जरा देर वहां और रुक जाते तो स्थिती बिगड़ भी सकती थी। क्यों कि ग्रामीण, ओमप्रकाश धुर्वे और मौक़े पर मौजूद प्रशासनिक महकमे के सामने रुदेश के खिलाफ लगातार नाराजगी जाहिर कर रहे थे। जनपद सदस्य पति जिनके साथ मारपीट हुई उन्होंने तो कैमरे के सामने यहॉँ तक कह दिया कि जिला पंचायत अध्यक्ष ग्राम गीधा हर दुसरे – तीसरे दिन पहुँचते है, और पार्टी करते हैँ।
सहायक यंत्री के निलंबन कि मांग — जाम के दरमियाँ ग्रामीण, शहपुरा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बजाग रामबाबू देवांगन के सामने सहायक यंत्री बजाग जनपद के निलंबन कि मांग को लेकर ड़ गये, जिस पर ओमप्रकाश धुर्वे ने भी तंज कसा और ग्रामीणो को आश्वासन दे मौक़े से ही जिला अधिकारियों से चर्चा कि और तत्काल सहायक यंत्री को निलंबित करने कि मांग कि।
आमने – सामने हुये मामा – भांजे — पाठको कि जानकारी के लिये बता दूँ कि शहपुरा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे ( भाजपा ) और क्षेत्रीय विधायक ओमकार मरकाम को क्षेत्र कि जनता मामा – भांजे के नजरिये से देखती है। और जाम समाप्ति कि ओर था तभी क्षेत्रीय विधायक ओमकार मरकाम भी वहां पहुँच गये जहाँ मामा ओमप्रकाश पहले से मौजूद थे और जनता कि नब्ज़ टटोल कार्यवाही को लेकर अडिग थे।इसी बीच दोनों मामा – भांजे ने ग्रामींणो से मुलाक़ात कर कार्यवाही का आश्वाशन दिलाया।
बहरहाल इस पूरे मामले मे एक दिलचस्प पहलु यह देखने मे आया कि जहाँ एक तरफ सत्ताधारी दल के शहपुरा विधायक ग्रामीणो के साथ लगातार हमदर्दी दिखा रहे है तो वही दुसरी ओर उन्ही के पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष पार्टी कि छवि को धूमिल करने मे कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। ध्यान देने योग्य बात यहॉँ यह भी है कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जहाँ प्रभारी मंत्री के आसपास सिर्फ और सिर्फ रुदेश नजर आ रहे थे, तो वही बाकी के पार्टी पदाधिकारियों ने सिवाये ध्वजारोहण के प्रभारी मंत्री से दूरी बनाये रखी थी, जो कि खासी चर्चा का विषय रहा।
इनका कहना है —
गीधा पंचायत मे मजदूर अपनी मजदूरी को लेकर बात कर रहे थे, और उस समय भारतीय जनता पार्टी के जो नेता है वो इस समय पूरे अहंकार मे भरे हुये हैँ, उसी अहंकार के चलते उन्होंने जनता के निर्वाचित जनप्रतिनिधि के साथ अभद्रता किया।
ओमकार मरकाम ( क्षेत्रीय विधायक व नव नियुक्त कांग्रेस जिलाध्यक्ष, डिंडोरी )
गीधा के ग्रामीण न्याय के लिये जिला पंचायत और कलेक्टर के यहॉ जनसुनवाई मे चक्कर लगा – लगा के परेशान हो गये थे , फिर गाँव वालों ने बैठक किये और बजाग मे एस डी एम कार्यालय जाकर अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन दिया था,और आज एस डी एम के पास उसी कि सुनवाई होनी थी, जिसके लिये ग्रामीण पंचायत मे एकत्रित हुये, जहाँ रुदेश आया और मारपीट कि।
ओमप्रकाश धुर्वे ( शहपुरा विधायक, भाजपा )
जनपद सदस्य के पति पिछले 2-3 वर्षों से पंचायत में ठेकेदारी को लेकर दबाव बना रहे हैं, लेकिन पंचायत की सहमति न होने से उन्हें काम नहीं दिया गया। हाल ही में सीसी रोड निर्माण कार्य को लेकर भी उन्होंने अनुचित मांग की, जो पूरी न होने पर ग्रामीणों के माध्यम से शिकायतें करवाईं और लोगों को उकसाकर विवाद कराया।ग्राम पंचायत में सचिव द्वारा मजदूरी भुगतान के नाम पर मटेरियल दिखाकर अतिरिक्त आहरण जैसी गड़बड़ी की गई है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सचिव की है और उस पर निलंबन की कार्यवाही होनी चाहिए। संबंधित व्यक्ति ने सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर रखा है और चुनाव जीतने के बाद उसे छोड़ने का वादा किया था, जिस पर विवाद हुआ।परस्ते ने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी प्रकार की मारपीट नहीं की, बल्कि वे केवल उस निर्माण कार्य (रंगमंच) को रुकवाने पहुंचे थे, जिसे लेकर विवाद था। अविश्वास प्रस्ताव लगने के बाद पंचायत के कार्य चालू नहीं हो सकते। मारपीट के मामले की जांच ग्रामीणों के सामने कि जानी चाहिए।
रुदेश परस्ते ( जिला पंचायत अध्यक्ष )
