नयी दिल्ली 27 अगस्त (वार्ता) प्रादेशिक सेना रक्षा और साइबर सुरक्षा खतरों की चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास, भारतीय सेना अनुसंधान प्रकोष्ठ (आईएआरसी) और साइबरपीस फाउंडेशन के सहयोग से यहां ‘इंडियन आर्मी टेरियर साइबर क्वेस्ट 2025’ नाम की एक राष्ट्रीय स्तर की साइबर प्रतियोगिता ‘चुनौती’ का आयोजन कर रही है।
रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यहां बताया कि ‘चुनौती’ का आयोजन वास्तविक रक्षा और साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
‘चुनौती’ के बारे में भारतीय सेना की वेबसाइट पर विस्तार से जानकारी दी गयी है। इसका उद्देश्य शिक्षा जगत, उद्योग और सरकार में प्रतिभाशाली लोगों को तकनीक के माध्यम से आधुनिक रक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट करना है। ‘साइबर क्वेस्ट’ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल), क्वांटम कंप्यूटिंग और ड्रोन तकनीक जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देगा। यह एक मज़बूत डिजिटल रक्षा रणनीति के बढ़ते महत्व को रेखांकित करता है और कुशल व्यक्तियों को डिजिटल युद्धक्षेत्र में योद्धा बनने के लिए एक आह्वान के रूप में कार्य करता है।
इस प्रतियोगिता में एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग करके भारत के लिए मज़बूत प्रणालियाँ बनाने की दो प्रमुख चुनौतियाँ शामिल हैं, जो प्रतिभागियों को राष्ट्रीय सुरक्षा में सीधे योगदान करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करती हैं:
प्रतियोगिता के लिए पंजीकरण सात सितंबर तक किया जा सकता है। इसका प्रारंभिक दौर आठ से 17 सितंबर तक होगा जबकि ग्रैंड फिनाले 24 से 26 सितंबर तक होगा। पुरस्कार समारोह का आयोजन सात अक्टूबर को किया जायेगा।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी विजेताओं को सम्मानित करेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा में उनके अभिनव समाधानों और योगदान के लिए उन्हें रोमांचक पुरस्कार भी दिए जाएँगे।
