जबलपुर: हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने अनुमानित कीमत से कम बोली लगाए जाने के आधार पर निविदा निरस्त करने का आदेश पारित किया। अनावेदक नगर पालिका अमरकंटक की ओर से अधिवक्ता मनोज कुशवाहा ने पक्ष रखा। वहीं राज्य की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली हाजिर हुए।
सुनवाई दौरान न्यायालय को बताया गया कि नगर पालिका अमरकंटक द्वारा कोटि तीर्थ घाट व कपिलधारा सहित अन्य दो स्थानों के लिए वाहन पार्किंग के संबंध में निविदा आमंत्रित की गई थी। उक्त निविदा में राजपूत ट्रेडर्स द्वारा बोली लगाई गई थी। उनके अनुसार उनकी बोली स्वीकृत कर ली गई थी। इसके बावजूद उन्हें वर्क आर्डर नहीं जारी किया गया।
दरअसल, निविदा की जो अनुमानित लागत थी वह लगभग तीन करोड़ 26 लाख थी। जबकि याचिकाकर्ता के द्वारा मात्र 99 लाख व एक करोड़ रुपये की बोली लगाई गई। उनकी बोली न्यूनतम थी। इसलिए उनकी निविदा स्वीकार नहीं की गई। उसे प्रेसिडेंट इन काउंसिल द्वारा निरस्त कर दिया गया। प्रकरण की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता ने निर्धारित अनुमानित कीमत से कम बोली लगाई थी। इसलिए उनकी निविदा निरस्त कर दी गई है, जो की उचित है। सुनवाई पश्चात न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।
