
भोपाल।कटनी जिले की रहने वाली अचर्ना तिवारी को जीआरपी भोपाल ने नेपाल बॉर्डर लखीमपुर खीरी (उ.प्र.) से बरामद किया. बुधवार को एसपी राहुल लोढ़ा ने पिछले कई दिनों से लापता हुई अर्चना की कहानी से पर्दा उठाया. लोढ़ा के अनुसार अर्चना ने पुलिस को अपनी मिसिंग स्टोरी को लेकर बताया कि वह ग्वालियर में पदस्थ कॉन्स्टेबल राम सिंह तोमर के फोन काल और मैसेज से लगातार परेशान थी. कांस्टेबल तोमर उसे लगातार कॉल कर परेशान करता था, दोनों की दोस्ती जबलपुर में हुई थी. इंदौर में अर्चना की दोस्ती शुजालपुर रहवासी सारांश जोगचंद्र से हुई थी. अर्चना ने ही अपने गुमशुदा होने की कहानी खुद ही गढ़ी थी, जिसमें सारांश ने ही उसका पूरा सहयोग दिया. अर्चना ने ही सारांश को इटारसी बुलाया था. एसपी लोढ़ा के मुताबिक पूछताछ में अर्चना ने सारांश के साथ हरदा में संचालित एक ढाबे में मुलाकात करते हुए भागने कि प्लानिंग बनाई थी. अगस्त महीने की शुरूआत में ही इस प्लानिंग को पूरा करना था, जोकि नहीं हो पाया. जिसके बाद अर्चना ने अपनी गुमशुदगी की योजना बनाई और उसे सूझा कि जीआरपी इस मामले में ज्यादा खोजबीन नहीं करती. इस लिए उसने ट्रेन से सफर के दौरान गायब होने की योजना पर काम किया और अपना सामान भी सीट पर छोड़ दिया. अर्चना की यह प्लानिंग पूरी तरह फेल हो गई. मामले की शिकायत के बाद से कटनी, भोपाल सहित स्टेशनों की जीआरपी ने इस केस को पूरा साल्व किया.
अर्चना ने अपने इस खेल में अपने पुराने क्लाइंट तेजेन्दर सिंह को भी शामिल किया. जो इटारसी में रहता हैं और स्टेशन पर कैमरे न लगे होने की जानकारी लेते हुए स्टेशन से पहले कपड़े बदलकर वह ट्रेन से आउटर पर ही उतर गई. यहां पहले से पहुंचे सारांश के साथ वह उसकी कार मे बैठकर शुजालपुर रवाना हुई. इसके बाद वह हैदराबाद में 3 दिन रूकी. मीडिया में अपने मामले को उठता देख वह 11 अगस्त को वह दिल्ली पहुंची. यहां से वह काठमांडू गई जहां देवकोटा में एक होटल में वह रूकी. जीआरपी और पुलिस को चकमा देने के इरादे से सारांश इस बीच इंदौर आ गया. उसने ही वहां संपर्क के माध्यम से अर्चना को नेपाल की एक सिम दिलवाई थी. जिससे वाट्सअप काल के माध्यम से दोनों बातचीत करते थे.
जीआरपी की सर्चिंग में संदेह के तौर पर सारांश का नाम सामने आने के बाद उससे पूछताछ की गई. इसके बाद अचर्ना से सम्पर्क किया गया और घटना का खुलासा हुआ. पूछताछ में अर्चना तिवारी ने बताया की मैरे घर वाले मेरी मर्जी के खिलाफ मेरे लिए शादी के रिश्ते देख रहे थे. कुछ दिन पहले मेरे घरवालो द्वारा बताया गया की तुम्हारे रिश्ते के लिये एक पटवारी लड़का देखा है. अर्चना के अनुसार घरवाले शादी के लिए उसे मजबूर कर रहे थे. जिसके चलते वह मानसिक रूप से परेशान थी. इसीलिए उसने अपनी गुमशुदगी का खेल रचा.
बता दें कि 7 अगस्त को ट्रेन 18233 नमर्दा एक्स. कोच बी-3 बर्थ नम्बर 03पर अर्चना तिवारी उम्र 29 वर्ष अपने घर जाने की ट्रेन से यात्रा कर रही थी. जिसके घर नहीं पहुचने पर भाई अंकुश 8 अगस्त को थाना जीआरपी कटनी में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद थाना जीआरपी रानी कमलापति में मामले की डायरी पहुंची. कोच में गुम महिला के आस पास के यात्रियो के घर जाकर पूछ ताछ की गई. साथ ही 12 रेलवे स्टेशनों की पुलिस से सम्पर्क किया गया. लगभग 2 हजार सीसीटीव्ही फुटेज भी खंगाले गये. नमर्दा नदी में लगभग 32 किलोमिटर तक एसडीआरएफ एवं जीआरपी द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया गया. रानी कमलापति से जबलपुर तक अलग-अलग टीमे बनाकर पैदल सर्चिंग कराई गई. बरखेड़ा से बुदनी तक वन विभाग के साथ जीआरपी की टीमों के साथ जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. अर्चना ने सारांश को अपना करीबी दोस्त भी बातया है. पुलिस ने फिलहाल इस मामले में अर्चना पर कोई भी आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया है.
