मामला: कुंडालिया बांध से पानी छोडऩे का, सवाल उठे तो बंद कर दिया पानी छोडऩा
सुसनेर, 19 मई. कुंडालिया बांध के पानी को पाइप लाइन के जरिए हर खेत और गांव में पहुंचाने के कार्य में जुटी एलएनटी कंपनी ने केवल वाहवाही लूटने के उद्देश्य से कुंडालिया बांध से नगर की कंठाल नदी में पानी छोड़ा. यह पानी कहां से छोड़ा जाए और कितनी मात्रा में छोड़ा जाए, ताकि नगरीय क्षेत्र में रहने वाले लोगों को अधिकतम लाभ पहुंच सके, इसकी अनुमति नगर परिषद से नहीं ली और परिषद के इंजीनियर को भरोसे में लिए बिना कंपनी ने कुंडालिया बांध से पानी कंठाल नदी में छोड़ दिया.
दो दिन तक यह पानी नदी में जाता रहा, लेकिन मुश्किल से 200 मीटर की दूरी तय कर सका. उसके बाद जब सवाल उठने लगे कि कंपनी ने गलत जगह से पानी छोड़ दिया, तो कंपनी के जिम्मेदारों ने मैंटेनेंस का बहाना बनाकर नदी में पानी नहीं छोड़ा. इससे जितना पानी छोड़ा गया था, वह सब जमीन में उतर गया. इसका फायदा बेहद कम लोगों तक पहुंचा. बता दें कुंडालिया बांध से पानी छोडऩे से पहले नगर परिषद के जिम्मेदारों से कंपनी को चर्चा करना चाहिए थी कि जिस जगह से पानी छोड़ा जा रहा है, वहां से कितने लोगों तक इसका फायदा पहुंचेगा, लेकिन कंपनी ने ऐसा नहीं किया, जिसके चलते लाखों लीटर पानी बेकार चला गया.
नप से नहीं ली अनुमति
नगर परिषद सीएमओ ओपी नागर से जब यह सवाल किया गया कि कंपनी ने पानी छोडऩे से पहले परिषद के उपयंत्री से चर्चा की या नहीं, तो ओपी नागर ने कहा कि कंपनी ने कोई चर्चा नहीं की है. मैं सोमवार को कंपनी के जिम्मेदारों से चर्चा करुंगा.
पेयजल संकट के दौर में पानी की बर्बादी
उल्लेखनीय है कि विधायक भेरू सिंह परिहार बापू ने पानी नदी में छोड़े जाने के लिए प्रशासन को पत्र लिखा था, किंतु जनप्रतिनिधियों के पत्र के आधार पर आम नागरिकों को फायदा पहुंचाने के लिए एलएनटी कंपनी के जिम्मेदार अपनी मनमानी कर रहे हैं, जिससे गर्मी के मौसम में और पेयजल संकट के दौर में पानी की बर्बादी हो रही है.
गलती के बाद अब मैंटेनेंस का बहाना…
इस संबंध में जब कंपनी के इंजीनियर रोहित जैन से चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि मैंटेनेंस की वजह से नदी में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है. कार्य होते ही नदी में पानी छोड़ेंगे. किंतु उन्होंने यह नहीं बताया कि वे कितना पानी छोड़ रहे हैं और किस अधिकारी की मंजूरी से छोड़ रहे हैं. जिस वजह से पानी छोड़े जाने की यह प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में आ गई है.