
*मप्र हाईकोर्ट के नवनियुक्त न्यायाधीश श्री निरंकारी ने कहा: भारत में विधिक क्षेत्र चुनौतियों के साथ उज्जवल संभावनाओं से परिपूर्ण*
नवभारत न्यूज
ग्वालियर। लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र और शक्तिशाली न्यायपालिका को आवश्यक माना गया है। देश की स्वतंत्रता के बाद प्रत्येक दौर में भारतीय न्यायपालिका शक्तिशाली रही है। भारतीय न्यायपालिका मौलिक अधिकारों के संरक्षक के रूप में कार्य करती है जो लोकतंत्र के लिए परम आवश्यक है। यह कहना है मप्र उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति बनाए गए ग्वालियर के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अजय कुमार निरंकारी का।
अपनी नियुक्ति के उपरांत मप्र उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद की शपथ लेने के लिए जबलपुर रवाना होने से पूर्व नवभारत संवाददाता से चर्चा में श्री अजय कुमार निरंकारी ने स्वीकार किया कि भारत में विधिक क्षेत्र चुनौतियों और उज्जवल संभावनाओं से परिपूर्ण है जिसका नित दिन परिमार्जन एवं संवर्धन हो रहा है। श्री निरंकारी कहते हैं कि न्यायाधीश का मुख्य कर्तव्य निष्पक्ष रूप से न्याय करना है, जिसमें कानून की व्याख्या करना, साक्ष्यों का मूल्यांकन करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि सुनवाई निष्पक्ष और कुशल तरीके से संचालित हो. न्यायाधीशों को बिना किसी डर या पक्षपात के संविधान और कानूनों को बनाए रखना होता है। न्यायाधीशों के कर्तव्य और जिम्मेदारियों को एक परिभाषा अथवा सीमित दायरे में नहीं बांधा जा सकता है। भारत जैसे बड़ी आबादी एवं विविध जीवनशैली एवं कार्य संस्कृतियों वाले राष्ट्र में ये चुनौतियां और विस्तृत हो जाती हैं।
न्यायाधीशों को यह निर्धारित करने के लिए कानून की व्याख्या करनी होती है कि यह किसी विशेष मामले पर कैसे लागू होता है। न्यायाधीशों को यह निर्धारित करने के लिए साक्ष्यों का मूल्यांकन करना होता है कि क्या यह स्वीकार्य है और यह मामले पर कैसे लागू होता है।न्यायाधीशों को यह सुनिश्चित करना होता है कि सुनवाई निष्पक्ष और कुशल तरीके से संचालित हो।न्यायाधीशों को यह सुनिश्चित करना होता है कि न्यायपालिका की अखंडता बनी रहे और लोगों को न्याय पर विश्वास हो। नवभारत ने इस साक्षात्कार में श्री निरंकारी से जब एक पंक्ति में न्यायाधीश का कर्तव्य रेखांकित करने का आग्रह किया तो उन्होंने सरल शब्दों में कहा कि न्यायाधीश का कर्तव्य न्याय की खोज में निष्पक्ष और कुशल तरीके से निर्णय लेना है।
*विधिक क्षेत्र में स्वर्णिम कैरियर रहा है श्री निरंकारी का*
गौरतलब है कि भारत सरकार ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। शासकीय अधिवक्ता श्री अजय कुमार निरंकारी (एके निरंकारी) को हाईकोर्ट जज नियुक्त किया गया है। वे शपथ के बाद हाईकोर्ट में काम शुरू करेंगे। अब ग्वालियर बार से जजों की संख्या छह हो चुकी है। ग्वालियर बार से पहली बार 6 जज हाईकोर्ट में एक साथ काम करेंगे। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद केंद्र सरकारी ने उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी। अजय कुमार निरंकारी ने एमएलबी कॉलेज से 2002 में लॉ की डिग्री ली। डिग्री के बाद उन्होंने 2002 में वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम बिहारी मिश्रा के ऑफिस में वकालत की शुरुआत की। श्याम बिहारी मिश्रा के ऑफिस में सिविल, क्रिमिनल में पैरवी की। महाधिवक्ता कार्यालय में 2017 से 2019 तक उप शासकीय अधिवक्ता रहे। 2021 में फिर शासकीय अधिवक्ता बनाया गया। वर्तमान में शासकीय अधिवक्ता पद पर कार्य कर रहे थे। हाईकोर्ट जज पद पर नियुक्ति के बाद वे शासकीय अधिवक्ता के पद के तत्कालीन दायित्व से मुक्त हो गए हैं।
