जर्जर भवनों में पढ़ाई करने को मजबूर नौनिहाल, राजगढ़ के 393 स्कूल भवनों पर खतरा

ब्यावरा/राजगढ़।पढ़ाई के स्तर को बेहतर से बेहतर बनाने शासन द्वारा लाखों, करोड़ो रुपये खर्च कर बच्चों को शासकीय स्कूलों में अच्छी से अच्छी पढ़ाई की सुविधा देने प्रयास किए जा रहे है तो दूसरी और जिले में दर्जनों ऐसे शासकीय शाला भवन जीर्णशीर्ण अवस्था में है जिनको मरम्मत का इंतजार है. ऐसे ही जर्जर भवनों में जोखिम उठाकर नौनिहाल पढ़ाई करने को मजबूर है. बारिश में खतरा और भी बढ़ गया है. समय रहते सचेत होते हुए राजस्थान के पीपलोदी में हुई घटना से सीख लेकर इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत कदम उठाना होंगे.

गौरतलब है कि जिले के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों की संख्या में ऐसे शासकीय स्कूल भवन है जिनकी छत, दीवार, फर्श टूटफूटकर बदहाल अवस्था में है. मजबूरी में ऐसे ही जर्जर भवनों में बच्चे पढ़ाई कर रहे है. जिले की 393 प्राथमिक शालाओं की मरम्मत हेतु जिले से प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को गया है.

यहां मरम्मत की शीघ्र दरकार

वैसे तो जिले भर में करीब 393 प्राथमिक शालाओं को मरम्मत की जरुरत है. किंतु कई ऐसे शाला भवन है जिनको मरम्मत की जल्द से जल्द दरकार है. राजगढ़ ब्लॉक के शासकीय मावि खजूरी, शासकीय प्रावि मदापुरा, उदपुरिया, मावि नरी, प्रावि खेड़ी, प्रावि कानबे, प्रावि बंजारा का पुरा, प्रावि पाटरी कला, मावि छायन, प्रावि मोकमपुरा, प्रावि रामपुरिया कलीखेड़ा, मावि रोजिया, प्रावि तुलसीपुरा , मावि बादलखेड़ी शामिल है. इसी प्रकार ब्यावरा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय अमरपुरा, प्रावि जामन का पूरा, प्रावि बरखेड़ी (अमरगढ़), प्रावि सारस्याबे, प्रावि कादियाखेड़ी सहित दर्जनों शाला भवन ऐसे है जहां जल्द मरम्मत किए जाने की आवश्यकता है.

जोखिम भरा आंधी, बारिश

जर्जर भवनों के लिए तेज आंधी और बारिश बेहद खतरनाक होता है. जहां टूटफूटी चुकी छतों से पानी टपकता है वहीं इनके धराशायी होने का डर हर समय लगा रहता है. आने वाले बारिश के मौसम में आंधी, बारिश आना है, इसके पूर्व ही ऐसे जर्जर भवनों की मरम्मत होना सुरक्षात्मक दृष्टि से अति आवश्यक है. उल्लेखनीय है कि पूर्व में कुछ जर्जर भवनों की छत से प्लास्टर भरभराकर नीचे आ गिरा है. इस तरह की घटनाओं के कारण एक डर सा बना रहता है.

चिंतित करने वाले हालात

नौनिहाल ऐसे जर्जर भवनों में पढ़ाई करने जाते है तो हर समय एक चिंता बनी रहती है. कई जीर्णशीर्ण भवनों की छत, दीवारों पर बरसाती, तिरपाल ढंके हुए देखे जा सकते है ताकि बारिश के पानी से बचाव हो सके.परन्तु तेज आंधी, जोर की बारिश में यह नाकाफी होता है.

पंचायत, आंगनवाड़ी में लग रही शालाएं

ब्यावरा विकासखण्ड में 12 शालाओं को पंचायत भवन, आंगनवाड़ी भवन, मंदिर प्रांगण, निजी घर, दालान में शिफ्ट किया गया है. जानकारी के अनुसार प्रावि अमरपुरा मंदिर प्रांगण में, प्रावि सारस्याबे आंगनवाड़ी भवन, प्रावि ढण्ड आंगनवाड़ी भवन, प्रावि नाल्यिाखेड़ी निजी भवन, प्रावि बेडाबे पंचायत भवन, प्रावि जामन का पुरा निजी भवन, प्रावि कांदियाखेड़ी निजी भवन, प्रावि बागडियाखेड़ी निजी भवन, प्रावि बरखेड़ी (अमरगढ़) आंगनवाड़ी भवन, प्रावि माताण्ड ब्यावरा ऑडिटोरियम भवन में संचालित की जा रही है. जबकि जिले में अनेक ऐसे शासकीय स्कूल भवन है जिनकी छत, दीवार, फर्श टूटफूटकर बदहाल अवस्था में है. मजबूरी में ऐसे ही जर्जर भवनों में बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर है.

जिन शाला के भवन अत्यधिक जर्जर है उन शालाओं को सुरक्षा की दृष्टि से अन्यत्र शिफ्ट किया गया है. सर्वे उपरांत जर्जर शाला भवनों के संबंध में विस्तृत जानकारी वरिष्ठ कार्यालय को भेजी जा चुकी है.

करण सिंह भिलाला
जिला शिक्षाधिकारी, शिक्षा विभाग राजगढ़

जो शाला भवन जर्जर अवस्था में है उनको अति आवश्यक, आवश्यक, सामान्य इन तीन केटिगिरी में रखा गया है. इनकी मरम्मत के लिए स्टीमेट बनाकर भेजा गया था. इसके लिए 1 करोड़ 37 लाख की राशि आयी है जो कि स्टीमेट की डिमांड के 25 प्रतिशत ही है. आयी राशि संबंधित संस्थाओं के एकाउंट में पहुंच गई है.

नीरज व्यास
इंजीनियर, शिक्षा विभाग राजगढ़

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