ग्वालियर: प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में प्रभारी प्राचार्यों की नियुक्ति के मामले में उच्च शिक्षा विभाग को हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. उच्च शिक्षा विभाग ने अनेक कॉलेजों में पदस्थ प्रभारी प्राचार्यों को हटाकर अन्य को नियुक्त किया, जो उनसे जूनियर है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के जस्टिस विवेक जैन ने डॉ. बृजकिशोर तिवारी व अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए प्रभारी प्राचार्य के पद पर जूनियर प्रोफेसर की नियुक्ति को निरस्त कर दिया.
अपने आदेश मे हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नियुक्ति में वरिष्ठता की अनदेखी नहीं की जाए. किसी भी कॉलेज में यदि पहले से वरिष्ठ प्रोफेसर पदस्थ है, तो ऐसी स्थिति में किसी जूनियर प्रोफेसर को प्रभारी प्राचार्य बनाकर नहीं भेजा जाए. हालांकि कोर्ट ने आदेश में कहा कि जिन कॉलेजों में सीनियर प्रोफेसर प्रभारी प्राचार्य के रूप में काम कर रहे हैं, लेकिन वो लिखित में जूनियर प्रोफेसर के अंडर काम करने के लिए तैयार हैं. ऐसी स्थिति में उच्च शिक्षा विभाग किसी जूनियर प्रोफेसर को प्रभारी प्राचार्य बना सकता है.
