रक्षा सचिव ने माउंट एवरेस्ट और माउंट किलिमंजारो के पर्वतारोहण अभियानों के पर्वतारोहियों का औपचारिक रूप से स्‍वागत किया

नयी दिल्ली, 17 जुलाई (वार्ता) रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने गुरूवार को यहां साउथ ब्लॉक में आयोजित एक कार्यक्रम में माउंट एवरेस्ट और माउंट किलिमंजारो के पर्वतारोहण अभियानों के पर्वतारोहियों का औपचारिक रूप से स्‍वागत किया।
माउंट एवरेस्ट का यह अभियान नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम), उत्तरकाशी, उत्तराखंड के गौरवशाली 60 वर्षों के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। इसका आयोजन हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान (एचएमआई), दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल और जवाहर पर्वतारोहण एवं शीतकालीन खेल संस्थान (जेआईएमएंडडब्ल्यूएस), पहलगाम, जम्मू और कश्मीर के सहयोग से किया गया था। माउंट किलिमंजारो (अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी) का अभियान एचएमआई द्वारा आयोजित किया गया था और इसमें घुटने के नीचे के 91 प्रतिशत विच्छेदित अंग के साथ एक दिव्यांगजन सदस्य उदय कुमार भी शामिल थे।
रक्षा सचिव ने अपने संबोधन में दोनों दलों के अदम्य साहस, दृढ़ संकल्प और साहस की सराहना करते हुए इस बात पर बल दिया कि ये मिशन केवल चोटियों पर चढ़ाई करने के संदर्भ में नहीं थे, बल्कि साहसिक खेलों में भारत की पर्वतारोहण उत्कृष्टता और नेतृत्व को प्रदर्शित करने से भी जुड़े थे। उन्होंने कहा कि माउंट एवरेस्ट और माउंट किलिमंजारो पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करके, इन दलों ने देश और दुनिया भर के युवा पर्वतारोहियों को प्रेरित करने के लिए नए मानक स्थापित किए हैं।
राजेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने हमेशा युवा सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता और साहसिक गतिविधियों के महत्व पर जोर दिया है, जो एक मजबूत, अनुकूल और निडर भारत के निर्माण का एक माध्‍यम है। उन्होंने रक्षा मंत्रालय के चार पर्वतारोहण संस्थानों- एचएमआई, एनआईएम, जेआईएम एंड डब्ल्यूएस और राष्ट्रीय पर्वतारोहण एवं साहसिक खेल संस्थान (निमास) को इस दृष्टिकोण का ज्वलंत उदाहरण बताया।
माउंट एवरेस्ट अभियान
अभियान का नेतृत्व एनआईएम के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमान भदौरिया ने किया। दल के अन्य सदस्यों में कर्नल हेम चंद्र सिंह (उप-प्रमुख) और तीनों संस्थानों के प्रशिक्षक श्राकेश सिंह राणा, सूबेदार बहादुर पाहन, हवलदार राजेंद्र मुखिया, एनके थुपस्तान त्सावांग और पासंग तेनजिंग शेरपा शामिल थे।
इस दल ने खुम्बू घाटी से होते हुए 23 मई, 2025 को विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की। इस अभियान का उद्देश्य प्रशिक्षकों को एवरेस्ट का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना था, जिससे वे पर्वतारोहियों की भावी पीढ़ियों को प्रेरित और प्रशिक्षित कर सकें।
माउंट किलिमंजारो अभियान
इस अभियान का नेतृत्व एचएमआई, दार्जिलिंग के प्रधानाचार्य ग्रुप कैप्टन जय किशन ने किया। दल के अन्य सदस्यों में कैप्टन श्रुति, सब-इंस्पेक्टर महेंद्र कुमार यादव, पावेल शर्मा और कुमारी सुलक्षणा तमांग शामिल थे।
8 अगस्त, 2024 को, अभियान दल ने माउंट किलिमंजारो पर सबसे बड़ा राष्ट्रीय ध्वज फहराकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद, इस दल ने तंजानिया के दार-ए-सलाम के पास हिंद महासागर में 35 फीट की गहराई पर पानी के भीतर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उसके बाद अफ्रीकी महाद्वीप पर किसी दिव्यांगजन दल द्वारा पहली बार टेंडम स्काईडाइविंग की। इस अभियान ने थल, जल और वायु तीनों क्षेत्रों में महत्‍वपूर्ण उपलब्धि के मानक स्थापित करते हुए यह सिद्ध किया कि कोई भी सीमा पहुंच से परे नहीं है।

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