इम्फाल, (वार्ता) एशिया के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित फुटबॉल टूर्नामेंट 134वें इंडियन ऑयल डूरंड कप की ट्रॉफियों का आज इम्फाल में भव्य स्वागत किया गया। दो साल के अंतराल के बाद, यह ऐतिहासिक टूर्नामेंट एक बार फिर मणिपुर की राजधानी लौटा है। इस अवसर पर आयोजित ट्रॉफी टूर के तहत डूरंड कप की तीनों चमचमाती ट्रॉफियों – मूल डूरंड कप, रोलिंग शिमला ट्रॉफी (जो वर्ष 1904 में शिमला के नागरिकों द्वारा भेंट की गई थी), और प्रेसिडेंट्स कप (जिसे विजेता टीम स्थायी रूप से रखती है) – को सिटी कन्वेंशन सेंटर, इम्फाल में प्रदर्शित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला थे। उनके साथ मणिपुर सरकार के मुख्य सचिव प्रशांत कुमार सिंह आईएएस, तथा भारतीय सेना और सुरक्षा बलों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर बोलते हुए राज्यपाल श्भल्ला ने कहा, ”134वें डूरंड कप टूर्नामेंट का एक बार फिर इंफाल में आयोजन किया जाना हमारे राज्य की फुटबॉल के प्रति गहरी भावना और नागरिक तथा सैन्य संस्थानों के संयुक्त प्रयासों का प्रमाण है। मैं इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को एक बार फिर फुटबॉल प्रेमी मणिपुर की भूमि पर लाने के लिए भारतीय सेना, विशेष रूप से ईस्टर्न कमांड का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।”
उन्होंने कहा ,”खेल हमारे राज्य की पहचान का अभिन्न हिस्सा हैं। मणिपुर हमेशा से खेलों में उत्कृष्टता का अग्रदूत रहा है, जहां से राष्ट्रीय हीरो और ओलंपियन देश को गौरव दिलाने के लिए सामने आए हैं। मैं 134वें डुरंड कप संस्करण की अपार सफलता की कामना करता हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि यह संस्करण पहले से कहीं अधिक भव्य, बेहतर और रोमांचक होगा। मेरी तरफ से सभी प्रतिभागी टीमों को दिल से शुभकामनाएं। आप सभी सम्मान, साहस और जुनून के साथ खेलें और अपनी प्रेरणादायक खेल भावना से अनगिनत युवा दिलों को प्रेरित करें।”
ले. जनरल मोहित मल्होत्रा ने कहा, ”137 वर्षों से अधिक समय से, डूरंड कप ने भारतीय फुटबॉल के विकास की यात्रा को देखा है- महान खिलाड़ियों को जन्म दिया है, समुदायों को जोड़ा है, और पीढ़ियों तक जुनून की लौ जलाए रखी है। हाल के वर्षों में, ईस्टर्न कमांड के नेतृत्व में डूरंड कप ने अपनी प्रतिष्ठा, पहुंच और गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि की है। देशभर के साझेदारों के साथ घनिष्ठ सहयोग में हमारे प्रयासों ने यह सुनिश्चित किया है कि यह टूर्नामेंट अपनी विरासत को संजोए रखते हुए आधुनिक पेशेवर मानकों को भी अपनाए।”
उन्होंने कहा, ”मैं इस महान शहर के लोगों, फुटबॉल प्रेमियों, और मणिपुर के ऊर्जावान युवाओं को आमंत्रित करता हूँ कि वे आगे आएं, इतिहास का हिस्सा बनें, और विश्वस्तरीय फुटबॉल का आनंद अपने द्वार पर ही उठाएं। आइए हम सब मिलकर इस खूबसूरत खेल का उत्सव मनाएं, परंपरा का सम्मान करें, और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करें।”
ले. जनरल अभिजीत एस. पेंढारकर ने कहा, ”डूरंड कप, जो इतिहास और परंपरा में रचा-बसा एक प्रतिष्ठित टूर्नामेंट है, भारतीय सशस्त्र बलों के संरक्षण में आयोजित किया जाता है। यह न केवल खेल कौशल का उत्सव है, बल्कि भारत की सेना और आम जनता के बीच स्थायी रिश्ते का जीवंत प्रतीक भी है। पीढ़ियों से यह अनोखा टूर्नामेंट सौहार्द, अनुशासन और खेल भावना का प्रतीक रहा है।”
