भीगते हुए अपनों का अंतिम संस्कार करने बेबस हो रहे परिजन

जबलपुर : हैरानी होती है ये जानकर, ये सोचकर ही कि जिस शहर में महापौर, विधायक, सांसद, प्रशासनिक अधिकारी से लेकर मंत्री निवास कर रहे हैं उस शहर का मुख्य गौरीघाट मुक्तिधाम इन दिनों बदहाली की कगार पर है। आलम ये है कि पिछले कई दिनों से शहर में लगातार हो रही बारिश के दौरान अपनों को अंतिम विदाई देने गौरीघाट श्मशान घाट पहुंच रहे परिजनों को भीगते हुए अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। वजह श्मशान घाट के कई टीन के शेड टूटे पड़े हुए हैं जिससे बारिश के दौरान पूरा पानी नीचे गिर रहा है।
कई बार तो कुछ परिजनों को अपनों का अंतिम संस्कार करने के बाद उनकी अस्थि व राख तक नसीब नहीं हो पाई और पानी में वह पूरी बह गई। जिसके बाद परिजनों में जमकर आक्रोश व्यक्त किया। इस दौरान श्मशान घाट के जिम्मेदारों ने परिजनों से माफी मांगते हुए कहा कि टीन शेड लगवाने के संबंध में कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को बताया गया लेकिन उसके बाद भी आज तक कोई सुधार नहीं हुआ है। राख बहने में उनका कोई दोष नहीं है।

मुंह सा चिढ़ा रही बदहाल व्यवस्था
विदित हो कि विधान के 16 संस्कारों में अंतिम संस्कार का अपना अलग महत्व होता है। बारिश के दौरान अपनों के अंतिम संस्कार करने गौरीघाट मुक्तिधाम पहुंच रहे लोगों ने कहा है कि नगर निगम व जिला प्रशासन शहर विकास के नाम पर अनेकों विकास कार्य पूरे करने के दावे जनता के सामने पेश कर दे लेकिन चिता के ऊपर बारिश के पानी की गिरती धार इन सभी जिम्मेदारों को बेशर्मी के साथ मुंह सा चिढ़ाती नजर आ रही है।

इनका कहना है..
–प्रशासन के साथ महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू कुंभकरण की नींद सो रहे हैं। गौरीघाट मुक्तिधाम में असुविधाओं का अंबार लगा हुआ है। एक साल पहले इस मुक्तिधाम का जीर्णोद्धार हुआ था जिसके बाद अब मुक्तिधाम के टीम के शेड के परखच्चे उड़ चुके हैं और परिजन गीले होकर अंतिम संस्कार करने मजबूर हो रहे हैं। समय पर प्रशासन द्वारा इस बदहाल व्यवस्था को ठीक नहीं किया गया तो समाजवादी वादी पार्टी द्वारा क्षेत्रीयजनों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन किया जाएगा।
–आशीष मिश्रा, समाजवादी पार्टी

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