नयी दिल्ली, 07 जुलाई (वार्ता) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख डा. वी नारायणन ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस)पर गए भारतीय यात्री शुभांशु शुक्ला से बातचीत कर उनकी कुशल क्षेम पूछी और तकनीक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
इसरो प्रमुख के साथ रविवार को हुई इस बातचीत में कई दूसरे वरिष्ठ वैज्ञानिक भी मौजूद थे। इन सभी ने शुक्ला से मिशन संबंधी गतिविधियों, और अंतरिक्ष से संबंधित सवाल पूछे और उनके वास्तविक अनुभवों पर चर्चा की।
शुक्ला इसरो-एक्जीओम स्पेसफ्लाइट सहयोग के अंतर्गत चल रहे एक्जीओम-4 मिशन का हिस्सा हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इसरो के प्रति आभार जताया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर भारत का प्रतिनिधित्व करना “अतुल्य” है और इसरो टीम ने उनकी सुरक्षा और सफल यात्रा के लिए खासी भूमिका निभायी है।
श्री नारायणन ने शुक्ला की सेहत, रोजमर्रा के कामकाज और आईएसएस पर वैज्ञानिक प्रयोगों को लेकर जानकारी ली। श्री नारायणन अंतरिक्ष विभाग के सचिव भी हैं। उन्होंने कहा कि भारत के घरेलू मानवयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम गगनयान की सफलता और उसके विकास के काम में शुक्ला के अनुभवों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
इस बातचीत में इसरो के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. उन्नीकृष्णन नायर (निदेशक, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र और अध्यक्ष, मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए कार्यक्रम प्रबंधन परिषद), एम मोहन (निदेशक, लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर), पद्मकुमार ईएस (निदेशक, इसरो जड़त्वीय प्रणाली इकाई), एम गणेश पिल्लई (वैज्ञानिक सचिव, इसरो) और एन वेदाचलम (पूर्व निदेशक, एलपीएससी) शामिल थे।
अधिकारियों ने शुक्ला से मिशन के उद्देश्य, वैज्ञानिक प्रयोगों और माइक्रोग्रैविटी में आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की।
श्री नारायणन ने इस मिशन के लिए इसरो की सतत निगरानी और सहयोग का उल्लेख किया और शुक्ला के साथ कई मिशन पूर्व बैठकों को याद किया, जिनमें वैज्ञानिक लक्ष्यों, मिशन के महत्व और मानसिक तैयारी पर चर्चा की गई थी।
