भोपाल, 19 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी सरकार पर आदिवासियों के साथ अन्याय, जल-जंगल-जमीन से बेदखली और झूठे आरोपों के ज़रिए दमन करने के गंभीर आरोप लगाते हुए आज कहा कि अगर 15 दिनों के भीतर सरकार ने आदिवासियों की पट्टे की मांग नहीं मानीं तो कांग्रेस आंदोलन करेगी।
श्री सिंघार समेत पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य कमलेश्वर पटेल ने इस संबंध में संवाददाताओं से चर्चा के दौरान ये आरोप लगाए। तीनों नेताओं ने सरकार की नीतियों को आदिवासी विरोधी बताते हुए कहा कि भाजपा विकास के मुद्दों से भटक चुकी है और अब वह केवल धर्म की राजनीति कर रही है।
श्री सिंघार ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह आदिवासियों को उनके पारंपरिक अधिकारों से वंचित कर रही है। हजारों आदिवासी परिवारों के पट्टे बिना किसी पूर्व सूचना के खारिज कर दिए गए हैं। सरकार की इस कार्रवाई से ये स्पष्ट है कि वह जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों का हक छीनना चाहती है। उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश में अब तक केवल झाबुआ जिले में पाँच पट्टे दिए गए हैं, जो दर्शाता है कि सरकार की मंशा आदिवासियों को उनका अधिकार देना नहीं, बल्कि उन्हें उनके ही घर-जंगल से बाहर करना है।
श्री सिंघार ने कहा कि अगर 15 दिनों के भीतर सरकार ने आदिवासियों की पट्टे की मांग नहीं मानीं तो आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि 17 साल बाद भी भाजपा वन पट्टों का अधिकार नहीं दे रही।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि नेपानगर के आदिवासी जंगल से हटाए जा रहे हैं, जबकि वही आदिवासी पर्यावरण की रक्षा में जुटे हैं। सरकार की चाल है कि वह आदिवासियों को जंगलों से बेदखल कर कॉरपोरेट हितों को साधना चाहती है।
