
सीधी। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ट्रांसफर की तारीख बढ़ाने से एक बार फिर विधायक, सांसद से लेकर मंत्री तक दौड़-धूप शुरू हो गयी। ट्रांसफर की तारीख बढऩे से फिर जोर अजमाइश शुरु हो चुकी है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों को राहत देते हुये तारीख को आगे बढ़ाने जा रही है। जिसके तहत अब आवेदक 31 मई की बजाय 10 जून तक ट्रांसफर के लिये अप्लाई कर सकते हैं। सरकार ने यह फैसला ज्यादा संख्या में आये आवेदन के चलते लिया है।
जानकारों का कहना है कि सबसे ज्यादा संख्या में शिक्षा विभाग से स्थानांतरण के आवेदन आये हैं। इनमें कई शिक्षक जिले के अंदर तो कुछ जिले से बाहर भी स्थानांतरण कराने के लिये एड़ी-चोटी का जोर लगाये हुये हैं। चर्चा के दौरान स्थानांतरण के लिये इच्छुक एक शिक्षक ने कहा कि पिछले वर्ष विभाग ने बड़ी संख्या में प्रमोशन के बाद स्थानांतरण किये थे। इसी वजह से सीधी जिले के समीपी जिलों के कई शिक्षकों का स्थानांतरण प्राचार्य पद पर होने के बाद सीधी जिले के लिये हो गया है। ऐसे में प्रमोशन पाने वाले शिक्षक अब इस बात के लिये प्रयास कर रहे हैं कि उनका स्थानांतरण फिर से उनके गृह जिले में हो जाय। इसके बाद अन्य विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी जोर लगा रहे हैं कि उनका स्थानांतरण सुविधानुसार स्थान में हो जाय।
स्थानांतरण के लिये काफी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी विधायकों एवं सांसद के पास भी प्रयास कर रहे हैं। कुछ अधिकारी और कर्मचारी तो मंत्री स्तर पर भी यह जोर लगा रहे हैं कि उनका स्थानांतरण पसंदीदा जगह में हो जाय।
मलाईदार विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी स्थानांतरण को लेकर भोपाल तक दौड़ लगा रहे हैं। कुछ अधिकारी और कर्मचारी को सत्ता पक्ष के नेताओं के माध्यम से भी स्थानांतरण कराने के लिये प्रयास में जुटे हैं।
महज 50 हजार ही होंगे स्थानांतरण
मध्यप्रदेश में स्थानांतरण के लिये डेढ़ लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुये हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से केवल 50 हजार कर्मचारियों के ही स्थानांतरण होंगे। स्थानांतरण के लिये प्रदेश सरकार द्वारा लक्ष्य निर्धारित कर देने के बाद से स्थानांतरण के लिये इच्छुक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। स्थानांतरण के लिये आवेदन करने के बाद अब संबंधित कई अधिकारी एवं कर्मचारी जोर आजमाइस में जुटे हुये हैं।
