नयी दिल्ली, 26 मई (वार्ता) उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ‘भारत-ब्रिटेन वाणिज्यिक विवादों में मध्यस्थता: भारत-ब्रिटेन मध्यस्थता प्रथाओं में तालमेल’ विषय पर लंदन में पांच जून को आयोजित इस तीसरे अंतर्राष्ट्रीय कानूनी सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
लंदन के ऐतिहासिक चर्च हाउस, वेस्टमिंस्टर में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश गवई के अलावा केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और यूके उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश माननीय लॉर्ड ब्रिग्स मुख्य रूप से अपने विचार साझा करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय कानूनी सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माने जाने वाले इस सम्मेलन की मेजबानी भारतीय मध्यस्थता परिषद (आईसीए) करने जा रही है।
उच्च स्तरीय इस सम्मेलन में भारत और यूनाइटेड किंगडम दोनों से कानूनी विशेषज्ञों, वरिष्ठ नीति निर्माताओं, संस्थागत प्रमुखों और मध्यस्थता पेशेवरों की एक प्रतिष्ठित टीम एक साथ आएगी।
यह कार्यक्रम प्रतिष्ठित लंदन अंतर्राष्ट्रीय विवाद सप्ताह 2025 के एक हिस्से के रूप में आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन में सीमा पार विवाद समाधान की उभरती गतिशीलता, संस्थागत मध्यस्थता में सर्वोत्तम प्रथाओं और दोनों क्षेत्राधिकारों के बीच गहन कानूनी और विनियामक आदि की संभावनाओं पर केंद्रित चर्चाएं होंगी।
यह सम्मेलन भारत-ब्रिटेन कानूनी और आर्थिक संबंधों में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मोड़ पर हो रहा है।
यह कार्यक्रम भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) और बार काउंसिल ऑफ इंडिया की 14 मई, 2025 की अधिसूचना को हाल ही में अंतिम रूप दिए जाने के बाद हो रहा है, जिसमें विदेशी वकीलों और कानूनी फर्मों को पारस्परिक आधार पर भारत में विदेशी कानून का अभ्यास करने की अनुमति दी गई है, ये दो ऐतिहासिक विकास हैं जिनसे अंतरराष्ट्रीय कानूनी अभ्यास की रूपरेखा को नया रूप मिलने की उम्मीद है।
यह कोशिश भारत-ब्रिटेन मध्यस्थता में उभरती चुनौतियों और अवसरों के मामले में सामंजस्यपूर्ण विवाद समाधान पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है जो बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार और निवेश का प्रभावी ढंग से समर्थन कर सके।
उम्मीद है कि यह आयोजन दोनों देशों के बीच कानूनी निश्चितता, संस्थागत विश्वास और वाणिज्यिक आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए एक अग्रगामी मंच साबित होगा।
