देवी अहिल्या की पुण्यगाथा पर भव्य नाट्य मंचन,CM सहित मंत्रिमंडल रहा उपस्थित

इंदौर: देवी अहिल्या सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, नारी सशक्तिकरण और सुशासन की एक मिसाल है. उनके द्वारा कुशल प्रशासक के रूप में कराए गए जन कल्याण के कार्य आज भी हमें समाज के हर वर्ग के कल्याण की प्रेरणा देते हैं.यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कही. मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर के लता मंगेशकर ऑडिटोरियम हाल में विश्व मांगल्य सभा द्वारा पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई होल्कर की जन्म त्रिशताब्दी अवसर पर राष्ट्र समर्था देवी अहिल्या की पुण्य गाथा नाटक के मंचन अवसर पर उपस्थित जन समुदाय को संबोधित कर रहे थे.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ इस नाटक को देखा. मुख्यमंत्री ने कहा कि देवी अहिल्या बाई होलकर ने कठिन समय में कुशलता के साथ सत्ता का संचालन कैसे किया जाता है, यह करके दिखाया है. उन्होंने सोमनाथ और वाराणसी में मंदिर बनाने के साथ ही नदियों पर घाट बनवाए हैं. रामेश्वरम के मंदिर निर्माण में भी देवी अहिल्या बाई होलकर का योगदान है. उन्होंने मंदिर के साथ ही धर्मशाला, अन्नशाला, घाट निर्माण, पुजारी के मानदेय सबका ध्यान रखा. उन्होंने सहस्त्रबाहु की राजधानी महिष्मती का उद्धार कराया.

देवी अहिल्या बाई में एक आदर्श बहु और बेटी का रुप भी दिखाई देता है.कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव सहित कैबिनेट के मंत्रिगणों का मालवी पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया. इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री द्वय राजेन्द्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा, मंत्रीगण प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह, तुलसीराम सिलावट, मुख्य सचिव अनुराग जैन, संभागायुक्त दीपक सिंह, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक मालिनी गौड़, मधु वर्मा, गोलू शुक्ला, सुमित मिश्रा एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे

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