भोपाल, 09 मई (वार्ता) मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने कहा है कि जनजातीय शिल्प को बाजार उपलब्ध कराने के लिये संभाग एवं ट्रायबल के 20 जिलों में ट्रायबल मार्ट खोले जायेंगे।
श्री शाह आज यहां रवीन्द्र भवन के हंसध्वनि सभागार में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय जनजातीय शिल्पग्राम महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर अतिथि कलाकारों को संबोधित कर रहे थे। तीन दिवसीय शिल्प महोत्सव में प्रदेश के जनजातीय कलाकारों द्वारा निर्मित विभिन्न शिल्प कलाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है।
जनजातीय कार्य मंत्री ने कहा कि जनजातीय कलाकारों को उनके उत्पाद का पूरा मूल्य नहीं मिल पाया। सभी शिल्पकारों और कलाकारों को उनके उत्पाद के माध्यम से उचित मूल्य दिलाकर उन्हें आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सुदृढ़ और सशक्त बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि जनजातीय स्वरूप को संरक्षित करने की आवश्यकता है। जनजातीय वर्ग की पहचान उनके विशेष पहनावे, भोजन, वस्त्रों, नृत्य, संगीत और वाद्य यंत्रों के माध्यम से भी की जाती है। उनकी पारंपरिक वेषभूषा एवं तीज-त्यौहारों के महत्व को हम समझते हैं। परन्तु आधुनिकता के साथ उनकी यह पारंपरिक पहचान लुप्त सी होने लगी हैं। इसे जीवित रखने के उद्देश्य से इस शिल्प ग्राम महोत्सव के माध्यम से ट्रेनर्स के लिये ट्रेनिंग कार्यक्रम रखे गये हैं।
श्री शाह ने कहा कि शिल्प उत्पादों को पहचान दिलाने के लिये मध्यप्रदेश सरकार प्रयासरत है। इस अनुक्रम में नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ डिजाइन भोपाल के माध्यम से ‘आदिरंग’ प्रोजेक्ट प्रारंभ किया जा रहा है। इससे जनजातीय शिल्पकारों को उनके कौशल उन्नयन करेंगे। इस प्रकार प्रशिक्षित हमारे कलाकार अन्य शिल्पियों और कलाकारों को प्रशिक्षित करेंगे।
जनजातीय शिल्प महोत्सव पर रवीन्द्र भवन परिसर में प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। इसमें जनजातीय कलाकारों द्वारा निर्मित उत्कृष्ट शिल्प कलाओं में यथा माटी शिल्प, होम आर्किटेक्चर, पेन्टिंग्स के अलावा जनजातीय व्यंजनों के भी स्टॉल लगाकार प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर एसीएस जनजाति विनोद कुमार, प्रमुख सचिव गुलशन बामरा, आयुक्त जनजातीय श्रीमन शुक्ला, संचालक वंदना वैद्य सहित अनेक कलाकर और अधिकारी उपस्थित थे।