जबलपुर:संस्कारों से भरी संस्कारधानी में हैवानियत और दरिंदगी की वारदातें शहर को दागदार कर रहीं है। महिलाओं, बच्चियों की सुरक्षा के लिए भले ही लाख दावे कर लिए जाए लेकिन हकीकत कुछ और ही है। दरिंदें फूल जैसी मासूम बच्चियों तक को हवश का शिकार बना रहे है। कई ऐसे मामले सामने आ चुके है जिसमें बेखौफ आरोपी पीडि़त को या तो डराते धमकाते है, या गवाहीं बदलने का दबाव बनाते नजर आते है।
अब कोड रेड पुलिस सडक़ों से गायब हो गई। इसके बाद जबलपुर को छेड़छाड़ मुक्त करने और बेटियों के लिये सुरक्षित शहर बनाने की दिशा में 8 अप्रैल 23 को कोड रेड की तर्ज पर शक्ति टास्क फोर्स का गठन हुआ। टीमें शोहदों को सबक सिखाने और महिला, युवतियों, बालिकाओं को सुरक्षा का अहसास दिलाने भ्रमण करती थी लेकिन चंद दिनों बाद ये फोर्स भी सडक़ों से गायब हो गया।
अपनों के साथ गैर बन रहे हैवान
अप्रैल माह में कुछ ऐसी वारदातें समाने आई जिसमें अपनो ने भी दरिंदगी की। कोतवाली थाना क्षेत्र में सगे मामा ने दस साल की भांजी के साथ दरिंदगी की। मझगवां थाना क्षेत्र में साढ़े चार साल की मासूम को पड़ोसी ने हवस का शिकार बनाया। गढ़ा थाना क्षेत्र में रहने वाली सातवीं कक्षा की छात्रा के साथ मंडला में गैंगरेप हुआ। गोहलपुर थाना क्षेत्र में रहने वाली 15 साल की बालिका के घर में घुसकर युवक ने दुष्कर्म किया।
