
मुंबई, 25 अप्रैल (वार्ता) अमेरिकी टैरिफ की अनिश्चितता और मंदी की आशंकाओं से दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के कमजोर पड़ने की बदौलत आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया 15 पैसे मजबूत होकर 85.30 रुपये प्रति डाॅलर पर पहुंच गया।
वहीं, इसके पिछले कारोबारी दिवस रुपया 85.45 रुपये प्रति डॉलर पर रहा था।
शुरुआती कारोबार में रुपया 15 पैसे की गिरावट लेकर 85.60 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और सत्र के दौरान आयातकों एवं बैंकरों की डॉलर लिवाली बढ़ने से 85.68 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक लुढ़क गया। वहीं, बिकवाली होने से यह 85.23 रुपये प्रति डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। अंत में पिछले दिवस के 85.30 रुपये प्रति डाॅलर की तुलना में 15 पैसे मजबूत होकर 85.30 रुपये प्रति डाॅलर पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण मैक्रोइकॉनोमिक आंकड़ों के आने से पहले डॉलर खरीददार सतर्क हो गए हैं। इससे वैश्विक मुद्रा बाजारों में कुछ राहत की भावना दिख रही है, जो उभरते बाजारों की मुद्राओं के लिए सकारात्मक संकेत माने जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक वैश्विक जोखिम भावना स्थिर बनी रहती है और डॉलर इंडेक्स दबाव में रहता है, तब तक रुपये की सीमाबद्ध प्रवृत्ति जारी रह सकती है।
मुद्रा विश्लेषकों का अनुमान है कि निकट भविष्य में रुपया 84.90 रुपये प्रति डॉलर से 85.60 रुपये प्रति डॉलर के सीमित दायरे में कारोबार कर सकता है। दिशा निर्धारण के लिए निवेशकों की नजरें अब अमेरिका से आने वाले आर्थिक आंकड़ों और फेडरल रिजर्व के भावी रुख पर टिकी हुई हैं।