जयपुर, 17 अप्रैल (वार्ता) राजस्थान उच्च न्यायालय ने दुनियाभर में बढ़ते तापमान के मद्देनजर स्व संज्ञान लेते हुए राज्य में नागरिकों को अत्यधिक गर्मी से बचाने के लिये राज्य सरकार को अंतरिम निर्देश जारी किये हैं।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अनूप कुमार ढंढ ने गुरुवार को राज्य के मुख्य सचिव सहित उच्च अधिकारियों को समन्वय करने के साथ ही अन्य निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा, “पूरे विश्व में तापमान के रिकॉर्ड टूटते जा रहे हैं। जलवायु परिवर्तन भयावह रूप ले चुका है। राजस्थान का तापमान दिन-प्रतिदिन गर्म, और अधिक गर्म होता जा रहा है। आगामी ग्रीष्मकालीन मौसम राज्य के लिए जनस्वास्थ्य, गर्म हवायें और लू के लिहाज़ से बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। लिहाजा आवश्यक है कि सभी स्तरों पर ठोस कदम उठाए जाएं ताकि राजस्थान को हर वर्ष गर्मी और लू से जनहानि होने से बचाया जा सके।
न्यायमूर्ति ढंढ ने स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सभी ट्रैफिक सिग्नलों पर छायादार स्थान, ठंडा पेयजल, ओआरएस पैकेट, आम का पना आदि की व्यवस्था करने, सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्मी से पीड़ितों के इलाज के लिए समुचित सुविधा सुनिश्चित करने, खुले स्थानों में कार्य करने वाले श्रमिकों को दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच विश्राम करने की सलाह देने और अत्यधिक गर्मी के बारे में आमजन को सचेत करने के लिये मोबाइल फोन, एफएम रेडियो, टेलीविजन, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से सचेत करने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि वे सभी सरकारी विभागों की एक समन्वय समिति गठित करके सभी जिलों के कलेक्टर एवं गांवों के प्रमुखों को इन आदेशों को तुरंत प्रभाव से लागू करें।
इसके अलावा न्यायमूर्ति ढंढ ने केंद्र और राज्य के विभिन्न विभागों को कारण बताओ नोटिस जारी किये हैं कि उन्हें
गर्मी से निपटने की कार्ययोजना बनाने, गर्मी संबंधी बीमारियों की तैयारी से संबंधित योजनाओं को लागू करने, गर्मी एवं शीतलहर से मृत्यु की रोकथाम विधेयक, 2015 को तत्काल प्रभाव से लागू करने, लू से मृत लाेगों के आश्रितों को उपयुक्त मुआवज़ा प्रदान करने के निर्देश क्यों नहीं जारी किये जायें।
