रीवा:जिले में इस समय भीषण गर्मी पडऩे के साथ जलसंकट गहराता जा रहा है. भूमिगत जल स्तर लगातार नीचे खिसक रहा है, जिसके कारण हैडपम्प जवाब दे रहे है. तमाम तैयारी के बाद भी नलजल योजनाएं बंद पड़ी है और 2430 हैण्डपंप बंद है जिनसे पानी नही मिल पा रहा है. समय रहते पेयजल को लेकर तैयारी नही की गई और अब पानी को लेकर मचे हाहाकार के बीच समीक्षा की जा रही है.
रीवा जिले में 21622 हैण्डपंप स्थापित हैं. इनमें से वर्तमान में 2430 बंद हैं. जल स्तर घटने के कारण 1172 हैण्डपंप बंद हैं. इनमें राइजर पाइप और सिंगल फेज मोटर लगाकर पेयजल की आपूर्ति के प्रयास किए जा रहे हैं. जिले में 343 एकल नलजल योजनाएं हैं. इनमें से 293 से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है. शेष बंद नलजल योजनाओं को ग्राम पंचायतों के सहयोग से विभागीय संविदाकार चालू करने का प्रयास कर रहे हैं. जिले में 195 नलजल योजनाएं ग्राम पंचायतों द्वारा सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं.
पेयजल व्यवस्था के निर्माण कार्यों में लापरवाही बरतने पर निर्माण एजेंसियों को ब्लैकलिस्टेड किया गया है. कंदैला समूह नलजल योजना से सौ से अधिक गांवों में पेयजल की आपूर्ति की जा रही है. नलजल योजनाओं का 10 वर्षों तक रखरखाव इसे बनाने वाले ठेकेदार करेंगे. गौरतलब है कि समीक्षा बैठक के दौरान पीएचई की अनियमितताओं को लेकर सेमरिया विधायक अभय मिश्रा ने सवाल उठाया था तो वही मनगवां विधायक ने लापरवाह उपयंत्री पर कार्यवाही की बात कही. हैडपम्पो की मरम्मत कराई जा रही है पर कहां हैडपम्प की मरम्मत हो रही है मैदानी स्तर पर दिखाई नही दे रहा है.
पहाड़ी क्षेत्र में पानी को लेकर सबसे ज्यादा किल्लत मची है. टैंकर से पानी गांव में देने की बात अधिकारी कर रहे है लेकिन कहीं भी टैंकर दिखाई नही दे रहे है. अभी जलसंकट और गहराएगा, जैसे-जैसे गर्मी जोड़ पकड़ेगी. कई जगह राइजर पाइप डालने के बाद भी पानी नही मिल रहा है. दरअसल जल स्तर 150 फिट से नीचे पहुंच गया है वहां हैण्डपम्प काम नही कर रहे है. ऐसे में मोटर पम्प लगाने के निर्देश दिये गये है. जहा मोटर पम्प लगे थे वह जले है, लेकिन आज तक मरम्मत नही हो पाई है. जिसकी वजह से पम्प बंद पड़े है. ग्रामीण अंचलो के अलावा शहरी क्षेत्र मेे भी पानी का घोर संकट है. नगर निगम के अन्तर्गत आने वाले दो सैकड़ा से अधिक हैण्डपम्प बंद पड़े है. जिनकी मरम्मत नही कराई गई है.
