बरकतउल्ला विवि से जवाब तलब
जबलपुर: मप्र हाईकोर्ट ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल से पूछा है कि कर्मचारी का वेतन क्यों रोका गया। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव और विश्वविद्यालय के कुलसचिव को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है।भोपाल निवासी शैलष तांबेकर की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा व अंजना श्रीवास्तव ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने दिसंबर माह से याचिकाकर्ता का वेतन भुगतान नहीं किया है।
दरअसल, वर्ष 2009 में याचिकाकर्ता ने नियमितिकरण के लिए याचिका दायर की थी। दलील दी गई कि याचिकाकर्ता से कनिष्ठ कई कर्मचारियों को नियमित कर दिया गया है। विश्वविद्यालय ने अन्य कर्मचारियों के नियमितिकरण आदेश में कहा कि शैलेश तांबेकर का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। उनके द्वारा याचिका वापस लेने पर उनके नाम पर विचार किया जायेगा।
दलील दी गई कि विश्वविद्यालय याचिकाकर्ता पर दबाव बना रहा है और इसी के चलते उसका वेतन भी रोक दिया गया है। याचिका में यह दलील भी दी गई कि विश्वविद्यालय में एक सैकड़ा से अधिक ऐसे कर्मचारी काम कर रहे हैं जिनकी नियुक्ति की स्वीकृति राज्य शासन ने नहीं की है। नियमानुसार शासन की स्वीकृति के बिना कोई भी नियुक्ति नहीं की जा सकती।
