
शाजापुर। बात स्वच्छता सर्वेक्षण की हो या फिर नगर की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने की. इसमें सबसे बड़ा रोड़ा नगर के आंतरिक मार्गों से लेकर हाईवे और गली-मोहल्लों में जमा मवेशी हैं. कुछ माह पहले तक इन मवेशियों में से अधिकांश निराश्रित मवेशी थे, लेकिन इसके बाद नगर पालिका द्वारा अभियान चलाया गया और निराश्रित मवेशियों को पकडक़र गौशाला भेज दिया गया. इससे लगा था कि अब नगर की व्यवस्था सुधरेगी, लेकिन नगर में अभी भी मवेशी सडक़ों पर पसरे हुए हैं.
खास बात यह है अब इन मवेशियों में से अधिकांश मवेशी विभिन्न पशु मालिकों के हैं. जो अपने मवेशियों को सडक़ पर खुला छोड़ देते हैं, जिससे परेशानी यथावत बनी हुई हैं. दरअसल, नगर की सडक़ों पर बड़ी संख्या में निराश्रित मवेशी खुले में घूमते हुए दिखाई दे रहे थे, जिससे सडक़ पर जाम लगना तो आम बात हो गई थी. वहीं हर कोई इन मवेशियों के कारण परेशान रहता था. मवेशियों की धमा चौकड़ी के कारण कई लोगों का नुकसान भी हो चुका है. कई बार लोग इनका शिकार भी बन चुके हैं. मवेशियों के कारण लगातार बढ़ती परेशानी को देखते हुए नगर पालिका द्वारा मवेशियों को पकडऩे के लिए विशेष अभियान चलाया गया. इसमें नगर में यहां-वहां घूमते निराश्रित मवेशियों को पकडक़र ग्राम बोर्डी स्थित गौशाला में पहुंचा दिया गया, जिससे लोगों को कुछ हद तक तो राहत मिली, लेकिन अब फिर से परेशानी बढ़ गई है। उधर,
नपा के अनुसार पूरे नगर से करीब 200 से ज्यादा निराश्रित मवेशियों को पकडक़र गौशाला पहुंचाया गया था. इधर, नगर में कुछ समय पहले पशु मालिकों को समझाईश भी दी गई थी कि वे अपने पशुओं को बांधकर रखें. जिससे ये पशु नगर की सडक़ों पर न घूमें और किसी को भी परेशानी नहीं हो, लेकिन कुछ दिन की व्यवस्था के बाद फिर से पशु मालिक लापरवाह हो गए, जिससे नगर की सडक़ों पर अब पशु मालिकों के मवेशी घूमते और धमाचौकड़ी करते दिखाई देते हैं.
सख्त कार्यवाही हो, तो सुधरे व्यवस्था
निराश्रित मवेशियों को ग्राम टांडा बोर्डी की गौशाला में वाहनों में भरकर पहुंचाया गया. इसके बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है. क्योंकि नगर के पशु मालिकों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. पूर्व में पशु मालिकों को अपने पशुओं को सडक़ पर खुला नहीं छोडऩे के लिए चेतावनी दी गई थी, लेकिन इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिससे पशु मालिक आज भी अपने मवेशियों को सडक़ों पर खुला छोड़ रहे हैं. यदि नपा द्वारा ऐसे पशु मालिकों पर कार्रवाई की जाए, तो समस्या का समाधान हो सकता है.
इनका कहना है
नगर में से करीब 200 से ज्यादा निराश्रित मवेशियों को ग्राम टांडा बोर्डी की गौशाला में पहुंचाया गया है. इसके बाद भी नगर की सडक़ों पर मवेशी दिखाई दे रहे हैं. इसका कारण है कि कई मवेशी मालिक अपने मवेशियों को सडक़ पर खुला छोड़ देते हैं, जिससे परेशानी हो रही है. पूर्व में मवेशी मालिकों को इसके लिए सख्त हिदायत दी गई थी. अब सडक़ पर मवेशियों को छोडऩे वाले पशु मालिकों पर कार्रवाई की जाएगी.
– डॉ. मधु सक्सेना, सीएमओ, नगर पालिका-शाजापुर
