समझा जाता है सरकार ने इस बारे में संख्या बल जुटा लिया है। इसलिए अब वह इस ओर आसानी से बढ़ती दिख रही है। जेडीयू और टीडीपी सरीखी पार्टियों ने सरकार का साथ देने का वादा किया है। जबकि बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस जैसे दल इसका विरोध कर रहे हैं। इधर,बीजेपी की तरफ से रविशंकर प्रसाद चर्चा की शुरुआत करेंगे। भाजपा को चर्चा के लिए चार घंटे का समय दिया गया है।
जबकि कांग्रेस की ओर से तरुण गोगोई चर्चा की शुरुआत करेंगे। जैसा की पता है यह बिल संसद की संयुक्त संसदीय समिति द्वारा संशोधित कर सौंपा गया है। उसके बाद इसे मंत्रिमंडल की सहमति के बाद पेश किया गया। वक्फ बिल का उद्देश्य पिछले अधिनियम की कमियों को दूर करना और अधिनियम का नाम बदलने, वक्फ की परिभाषाओं को नवीनता प्रदान करना। पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार करने और वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ाने सरीखे बदलाव शामिल है।
संशोधन विधेयक का उद्देश्य भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन को सुधारना है।
इसका उद्देश्य पिछले अधिनियम की कमियों को दूर करना और अधिनियम का नाम बदलने, वक्फ की परिभाषाओं को अद्यतन करने, पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार करने और वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ाने जैसे बदलाव करके वक्फ बोर्डों की दक्षता बढ़ाना है। मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 का प्राथमिक उद्देश्य मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 को निरस्त करना है, जो आधुनिक भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए पुराना और अपर्याप्त हो गया है। वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में एकरूपता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।