कुछ ही दिनों में निगम ने की फाइलें बंद
जबलपुर: मुंबई के घाटकोपर में यूनीपोल होर्डिंग गिरने से कई लोगों की मौत हो गई थी। शहर में लगे यूनीपोल की बिना जाँच किए लग जाना आम लोगों की जान से खिलवाड़ करने के बराबर है। ठीक यही भूल मुंबई महानगर पालिका ने भी की थी जिसकी कीमत उसे लोगों की जान से चुकानी पड़ी। आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरनाक यूनिपोल को बारिश के पहले अलग कर न था, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर प्रशासन का इन्हें अलग करने का अभी फिलहाल कोई मूड नहीं है। बात यह भी सामने आई है कि की इन यूनीपोल की जांच होनी थी। जिसकी खाना पूर्ति करके नगर निगम ने फाइल बंद कर दी है। और यूनीपोल जस के तस लगे हुए हैं।
निगम के मुताबिक इतने हैं यूनीपोल
जगह-जगह शहर की सडक़ों और बिल्डिंगों के किनारे सजे यूनीपोल की संख्या निगम के मुताबिक 80 से 90 के बीच बताई जा रही है। इसके बाद भी यूनिपोल की स्ट्रक्चरल जाँच नहीं कराई गई है। और सूत्रों की माने तो इनकी देखरेख भी नगर निगम द्वारा नहीं किया जाता है। हालत यह है कि मामूली आँधी चलने पर भी लोग घबरा जाते हैं कहीं यूनिपोल गिर न पड़े। जिससे निगम की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है। यही नहीं इससे ट्रैफिक भी बाधित होता है।
होनी चाहिए करवाई
नगर निगम द्वारा बताई गई जानकारी के अनुसार शहर में लगे यूनीपोल में से जिनको नगर प्रशासन द्वारा परमिशन मिली है वही लीगल है इसके अलावा बाकी लगे यूनीपोल गैर कानूनी ढंग से लगे है। लेकिन गैर कानूनी लगे इन यूनीपोल का ना ही निगम के पास रिकॉर्ड है और ना ही वह खुलकर इसके बारे में बात कर सकी है। शहर में लगे सारे यूनिपोल की जाँच कराई जानी चाहिए। नागरिक सुरक्षा के लिए खतरनाक यूनिपोल को हटाया जाना चाहिए। यूनिपोल लगाने में मध्य प्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम-2017 के प्रावधानों का खुला उल्लंघन किया गया है।
इनका कहना है
शहर में लगे यूनिपोल की जांच समय-समय पर कराई जा रही है इनको हटाने की बात नहीं की गई थी निगम द्वारा। सारे नियमों का ख्याल रखा जाता है।
भूपेंद्र सिंह, नगर निगम अधिकारी