एनएसजी की मौजूदगी मेें बीडीएस ने बम शैल किए नष्ट
जबलपुर: खजरी खिरिया बायपास पर विस्फोट वाले क्षेत्र में बुधवार को एक बार फिर धमकों की गूंज सुनाई दी। दरअसल एनएसजी टीम की मौजूदगी में जब्त किए गए बम और उनके शैल को बीडीएस ने नष्ट किया। बम को नष्ट करने के पहले टीम ने रेत से भरी बोरियां मंगवाई जिसका उपयोग बम और खोलों को नष्ट करने के दौरान किया गया। सूत्रों की माने तो एनएसजी की मौजूदगी में बीडीएस टीम ने पुलिस की मद्द से कबाडख़ाने कबाडख़ाने के भीतर ही एक गड्ढा बनाया गया इसमें बम के खोलों, स्क्रैप, शैल को डाला गया जिसके बाद इस पर रेत की बोरियां रखी गई जिसके बाद इसे नष्ट किया गया। प्रक्रिया इसलिए अपनाई गई कि बम या खोखे में बारूद हो तो नष्टीकरण के दौरान उसके धमको से क्षति न हो। बमों, शैल के नष्टीकरण के दौरान धमकों की गंूज रही।
विदित हो कि हाईवे से लगे हिस्ट्रीशीटर गुंडे शमीम कबाड़ी के कारखाने में 25 अप्रेल को विस्फोट हुआ था। विस्फोट इतना खतरनाक था कि लगभग आठ से दस हजार वर्गफीट में फैला पूरा कबाडख़ाना ढह गया। वहीं विस्फोट की गूंज पांच से छह किलोमीटर तक के इलाके में सुनाई दी थी। घटना के बाद से यह आशंका जाहिर की जा रही है कि शमीम द्वारा स्क्रेप में जिंदा बम ले आया गया था और उसी के फटने से यह घटना हुई। घटना के बाद से गौर निवासी भोलाराम और आनंद नगर निवासी खलील लापता है। हालांकि मौके पर कुछ मानव अवशेष मिले थे। मामले में अधारताल पुलिस ने शमीम उसके बेटे फहीम और पार्टनर सुल्तान पर गैर इरादतन हत्या, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और आपराधिक षडय़ंत्र की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था।
सुल्तान बना जेल का मेहमान,
फहीम की रिमांड बढ़ी
मामले में गिरफ्तार शमीम के बेटे फहीम और पार्टनर सुल्तान को पुलिस ने रिमांड पर लिया था। बुधवार को दोनों की पुलिस रिमांड खत्म होने पर दोनों को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से सुल्तान को जेल भेज दिया गया है जबकि पुलिस की डिमांड पर फहीम की दो दिन और रिमांड बढ़ गई है। पूछताछ में सुल्तान ने कई राज उगले है। जबकि फहीम पुलिस को गुमराह कर रहा है।
कबाड़ की कमाई से बनाई बेनामी संपत्ति
फरार हिस्ट्रीशीटर शमीम ने कबाड़ की काली कमाई से करोड़ों की सपंत्ति बनाई है। प्रशासन फरार शमीम और उसके बेटे समेत करीबियों की संपत्ति का ब्यौरा जुटा रहा है। सूत्रों की माने तो शमीम ने कबाड़ की कमाई से कई संपत्तियां खरीदी है लेकिन दस्तावेजों मेेें यह संपत्तियां शमीम के करीबियों के नाम पर रजिस्टर्ड है।
कहां गया खोल से निकला बारूद
आरोपित शमीम कबाड़ी खोल से निकाले बारूद को कहां रखता था, इसकी भी पतासाजी की जा रही है। नेशनल सिक्युरिटी गार्ड की टीम को जांच में बमों के कई ऐसे खोखे भी मिले हैं, जो छह से सात साल पुराने है।
शमीम गुर्गों के जरिए चलाता था सिंडीकेट
बताया जाता है कि स्क्रैप खरीदने शमीम अपने गुर्गों की मद्द से सिंडीकेट चलता था। जब भी नीलामी या टेंडर होता तो शमीम के ही इशारे पर उसके गुर्गे नीलामी का सामान खरीदते या फिर टेंडर डालते थे। इसके बाद उनके नाम पर ठेका होता। लेकिन यह सामान उनके जरिए शमीम के कबाडख़़ाने तक पहुंच जाता था।
शक्तिशाली विस्फोटक का रहस्य बरकरार
जिस बारूद से विस्फोट हुआ वह काफी शक्तिशाली था। विस्फोट कैसे हुआ कौन सा विस्फोटक था समेत अन्य बिन्दुओं पर एनएसजी की टीम पड़ताल कर रही है लेकिन कौन सा विस्फोटक था इसका रहस्य अब तक बरकरार है। सूत्र बताते है कि ट्रिनिट्रोटोलुइन नाम का बारूद होने की आशंका जताई जा रही है जिसमें विस्फोट हुआ।
इनका कहना है
टीमें जांच कर रही है, शैल नष्ट करने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कुछ शैल नष्ट कर दिए गए है जबकि सर्चिंग अभी भी जारी है देखा जा रहा है कि कितने शैल और डिस्पोज करना बाकी है। पकड़े गए दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। फहीम को दिन की और पुलिस रिमांड में लिया गया। सुल्तान को जेल भेज दिया गया है।
तुषारकांत विद्यार्थी, डीआईजी