बीआरसीसी बैढऩ की बढ़ऩे लगी मुश्किलें

नौ प्रकरण बीआरसीसी के बिना प्रतिवेदन के ही एल-3 में लंबित, डीपीसी ने जारी किया शोकाज नोटिस

सिंगरौली : सीएम हेल्पलाईन के लंबित प्रकरणों के प्रति बैढऩ बीआरसीसी कितने संजीदा हैं। लंबित आकड़े ही अपने आप में बया कर रहे हैं। सीएम हेल्पलाईन के करीब 136 प्रकरण लंबित हैं। वही नौ ऐसे प्रकरण हैं। जिन्हें बीआरसीसी के बगैर प्रतिवेदन के ही एल-3 लेवल में पहुंच लंबित पड़ा हुआ है। जिसक ा निराकरण न होने से लापरवाह बीआरसीसी के कार्यप्रणाली पर कई तरह के प्रश्र उठाई जा रहे हैं। वही इस मामले में डीपीसी जिला शिक्षा केन्द्र सिंगरौली ने बीआरसीसी बैढऩ फूलचन्द पटेल को शोकाज नोटिस जारी करते हुये 6 मई को जवाब मांगा।
दरअसल बीआरसीसी बैढऩ अपनी करतूतों के चलते जनपद शिक्षा केन्द्र की किरकिरी कराने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे हैं। आलम यह है कि बीआरसीसी लगातार एक के बाद एक नये आरोप में घिरते जा रहे हैं और ऐसे में आने वाले दिनों में बीआरसीसी के मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अभी तक शाला प्रबंध समिति की राशि को लेकर जहां बीआरसीसी की मुश्किले बढ़ी हैं। वही अब सीएम हेल्पलाईन के 6 माह से 2 साल के बीच लंबित प्रकरणों को लेकर दिक्कतें खड़ी होने लगी हैं। आरोप है कि बीआरसीसी बैढऩ से जुड़े करीब 136 प्रकरणों का निराकरण 6 माह से लेकर 2 साल के दरमियान तक नही किया जा सका। वही चर्चाओं के मुताबिक सीएम हेल्पलाईन के नौ ऐेसे प्रकरण हैं। जहां बीआरसीसी स्तर से बगैर प्रतिवेदन के ही एल-3 लेवल में लंबित हैं। जिसको लेकर कलेक्टर ने भी साप्ताहिक समीक्षा बैठक में नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। आरोप है कि इसके बावजूद बीआरसीसी बैढऩ लंबित सीएम हेल्पलाईन के प्रकरणों के निराकरण करने के प्रति संजीदा नजर नही आ रहे हैं। बहरहाल बैढऩ ब्लाक के बीआरसीसी एवं बीईओ की लगातार हो रही किरकिरी से जहां शिक्षा विभाग बदनाम हो रहा है वही एक नोटिस के बाद दूसरी नोटिस जारी होने से बीआरसीसी की कार्यप्रणाली अब चर्चाओं में आ गई है।
बीआरसीसी बैढऩ से 6 मई को मांगा जवाब
डीपीसी ने नोटिस में यह भी उल्लेख किया है कि बीआरसीसी द्वारा अपने पदीय दायित्वों एवं कर्तव्यों का निर्वहन उदासीनता पूर्ण तथा लापरवाही पूर्वक किया जा रहा है। जो शासन के आदेशों एवं वरिष्ठ के निर्देशों की अवहेलना एवं स्वेच्छाचारिता के साथ-साथ अपने दायित्व के प्रति घोर लापरवाही का द्योतक है। बीआरसीसी उक्त कृत्य मप्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के प्रावधानों तथा प्रतिनियुक्ति के सेवा शर्तों के विपरीत है। डीपीसी ने बीआरसीसी को निर्देशित किया है कि समस्त सीएम हेल्पलाईन के लंबित प्रकरणों का नियमानुसार कार्यवाही कर समयबद्ध समुचित निराकरण सहित एकल नस्ती सहित अपना जवाब 6 मई को समक्ष में प्रस्तुत करें। ताकि कलेक्टर के समक्ष जानकारी प्रस्तुत कर सीएम हेल्पलाईन के लंबित प्रकरण को विलोपित कराया जा सके। समय सीमा में समाधान कारक कार्यवाही न किये जाने पर एक पक्षीय अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी।
इन बिन्दुओं को लेकर जारी हुआ नोटिस
जानकारी के मुताबिक डीपीसी जिला शिक्षा केन्द्र सिंगरौल आरएल शुक्ला ने बीआरसीसी बैढऩ को गत दिवस नोटिस जारी किया है। जारी नोटिस में उल्लेख किया गया है कि सीएम हेल्पलाईन प्रकरणों की लंबित सूची में आपसे संबंधित कुल 136 प्रकरण लंबित है। बीआरसीसी स्तर से बिना प्रतिवेदन के ही एल-3 लेवल में लंबित है। शेष अन्य प्रकरण 6 माह से लगभग 2 वर्ष अथवा उससे अधिक समयावधि व्यतीत होने के उपरांत भी बीआरसी स्तर से समुचित कार्यवाही के अभाव में आज तक लंबित है। जहां अत्यंत खेदजनक है। इसके पूर्व में भी डीपीसी द्वारा बीआरसीसी को सीएमहेल्पलाईन प्रकरणों एवं अन्य पत्रों पर नियमानुसार त्वरित कार्यवाही किये जाने के लिए निर्देशित किया गया था। किंतु अभी तक बीआरसीसी अपेक्षित प्रगति प्राप्त नही हो सकी है। जिससे कलेक्टर द्वारा टीएल बैठक में घोर अप्रसन्नता व्यक्त की गई है।

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