नयी दिल्ली 24 मार्च (वार्ता) कर्नाटक में मुसलमान समुदाय को सरकारी ठेकों में चार प्रतिशत आरक्षण देने के मुद्दे पर सोमवार को राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष में जोरदार हंगामा के कारण सदन की कार्यवाही दूसरी बार 15 मिनट के लिए स्थागित कर दी गई।
सुबह में इसी मुद्दे पर स्थगन के बाद दोपहर दो बजे कार्यवाही शुरू होने पर आवश्यक दस्तावेज सदन पटल पर रखे गये। इसके बाद उप सभापति हरिवंश ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी बात रखने के लिए कहा। श्री खरगे ने कहा कि सत्ता पक्ष के मंत्री किरन रिजिजू ने कांग्रेस द्वारा संविधान बदलने की बात कही। यह बात सदन के नेता भी कहा जबकि कर्नाटक के मंत्री ने ऐसी कोई बात नहीं कही है। उन्होंने सत्ता पक्ष की ओर इशारा करते हुये कहा कि संविधान बदलने की बात उधर से आती रही है। उन्होंने कहा “हम संविधान बचाने की बात करते हैं।”
इस पर सदन के नेता जे पी नड्डा ने कहा कि सदन के इस मुद्दे को उठाये जाने के बाद भी कर्नाटक के मंत्री डी के शिवकुमार ने कहा है कि सरकारी ठेकों में मुस्लिम समुदाय को चार प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव किया जायेगा। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में भी कांग्रेस की सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के साथ विश्वासघात किया है और पीछे के दरवाजे से ओबीसी के कोटे में अल्पसंख्यकों को आरक्षण दे दिया है। इसके लिए तेलंगाना विधानसभा में विधेयक लाया गया।
श्री नड्डा ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर और सरदार पटेल ने धर्म के आधार आरक्षण देने का विरोध किया था, लेकिन सत्ता से बाहर होने के कारण कांग्रेस बौखला गयी है और अपना विवेक खो बैठी है।
इस दौरान सदन में विपक्ष और पक्ष के सदस्य हंगामा करते रहे जिसके कारण सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी।
इससे पहले सुबह में सभापति जगदीप धनखड़ ने इसी मुद्दे पर हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी थी और श्री रिजिजू और श्री नड्डा से अपने अपने बयानों को आज दिन भर में प्रमाणिक करने को कहा।