जम्मू, (वार्ता) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों की घुसपैठ के सिलसिले में जम्मू में कई जगहों पर तलाशी ली।
आधिकारिक प्रवक्ता ने यहां बताया कि सीमा पार से भारतीय क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादियों की घुसपैठ की सूचना के आधार पर एनआईए ने जम्मू में कई जगहों पर तलाशी ली। उन्होंने बताया कि एनआईए की टीमों ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के नवगठित शाखाओं और सहयोगियों से जुड़े सक्रिय कार्यकर्ताओं (ओजीडब्ल्यू) के घरों पर व्यापक तलाशी ली। उन्होंने बताया कि आरसी-04/2024/एनआईए/जेएमयू मामले में आतंकवाद विरोधी एजेंसी द्वारा की गई कार्रवाई के तहत इन संगठनों के समर्थकों और कैडरों के परिसरों की भी तलाशी ली गयी। उन्होंने कहा, “यह मामला कुछ महीने पहले आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों और नागरिकों पर किए गए हमलों से जुड़ा है, जो भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए आतंकवादी संगठनों द्वारा एक बड़ी आपराधिक साजिश का हिस्सा था।”
उन्होंने कहा कि अभियान के तहत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के जम्मू जिले में कुल 12 स्थानों की तलाशी ली गई और आतंकवादियों को ओजीडब्ल्यू से जोड़ने वाली कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई। उन्होंने कहा कि एनआईए की टीमें आतंकी साजिश का पता लगाने के लिए सामग्री की जांच कर रही हैं। एनआईए को अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के माध्यम से भारत में लश्कर और जैश के आतंकवादियों की घुसपैठ के बारे में जानकारी मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई। प्रवक्ता ने कहा कि रिपोर्टों से पता चलता है कि आतंकवादियों को ओजीडब्ल्यू और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले आतंकी सहयोगियों द्वारा मदद की गई थी। उन्होंने कहा, “रसद सहायता, भोजन, आश्रय और धन प्रदान करने के अलावा, संदिग्ध जम्मू प्रांत के कठिन इलाकों में आतंकवादियों को सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए मार्गदर्शन करने में शामिल थे।” उन्होंने कहा कि माना जाता है कि आतंकवादी इसके बाद कठुआ, उधमपुर, डोडा, किश्तवाड़, रियासी, राजौरी, पुंछ और कश्मीर घाटी के भीतरी इलाकों में चले गए।