रेडक्रॉस द्वारा माइनिंग विभाग के युवा छात्रों को दिया गया 4 दिवसीय प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण, प्रशिक्षक ने कई अहम बिन्दुओं से कराया अवगत
सिंगरौली : इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी सिंगरौली द्वारा संचालित प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण का कार्यक्रम रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष एवं कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला के दिशा-निर्देशन एवं चेयरमैन एस डी सिंह के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा संचालित प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण सेंट जॉन एंबुलेंस इंडिया के अंतर्गत फस्र्ट एड ट्रेनिंग ऑफिसर डॉ. डीके मिश्रा के द्वारा रेडक्रॉस केंद्रीय कार्यालय डीडीआरसी भवन में माइनिंग विभाग के छात्रों को 4 दिवसीय प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण प्रदान किया गया । प्राथमिक चिकित्सा एक ऐसी विधि या सहायता है जिससे किसी की एक्सीडेंट या चोट लगने के बाद तुरंत फस्र्ट ऐड देने से घायल व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। प्राथमिक चिकित्सा यानी फस्र्ट एड का मतलब है किसी चोट लगने या दुर्घटना के तुरंत बाद दी जाने वाली सहायक उपचार जब तक कोई एंबुलेंस या डॉक्टर नही आ जाए। बहुत से लोग फस्र्ट एड की अहमियत को नही समझते।
उन्हें लगता है कि यह केवल मेडिकल प्रोफेशन का काम है। लेकिन वास्तव में यह एक स्किल है। जिसे सभी को सीखने की जरूरत है। आज की भाग-दौड़ भरी दुनिया में दुर्घटनाएं कभी भी, कही भी हो सकती हैं। चाहे घर पर हो, काम पर हो या सार्वजनिक स्थानों पर तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए तैयार रहने का मतलब जीवन और मृत्यु के बीच अंतर हो सकता है। प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण व्यक्तियों को आपात स्थिति में प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रशिक्षण से किसी भी परिस्थिति में घायल व्यक्ति की जान बचाएं हर संभव मदद कर सकते है। प्रशिक्षण के दौरान सहयोगी के रूप में जय प्रकाश दुबे उपस्थित रहे।
फस्र्ट एड के 3 मुख्य उद्देश्य होते हैं
पहला जीवन संरक्षण। दूसरा स्थिति को अधिक खराब होने से बचाना और तीसरा घायल व बीमारी व्यक्ति को रोग मुक्त होने में सहायता करना। जब भी आप किसी व्यक्ति की प्राथमिक चिकित्सा में सहायता करें तो इन तीन चीजों का ध्यान रखें। प्राथमिक चिकित्सा के दौरान व्यक्ति को यह पता होना चाहिए कि इमरजेंसी के समय उसे क्या करना है और क्या नही।
प्रशिक्षण में प्रशिक्षक ने फस्र्ट एड का महत्व
चिकित्सक डॉ. डीके मिश्रा ने बताया कि कई बार ऐसे हालात होते हैं कि अचानक घटी घटना के बाद इलाज में देरी की वजह से अधिक खून बह जाने के कारण मरीज की मौत हो जाती है। उस समय इसका महत्व बहुत होता है। दिल के दौरे पडऩे पर यह मरीज की जान बचा सकता है। यदि आप इससे पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं तो पीडि़त व्यक्ति के दर्द का आकलन कर उसे राहत दे सकते हैं।