भंडारे में विवाद के बाद की थी वारदात
इंदौर: परदेशीपुरा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए महज 24 घंटे के भीतर हत्या के तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने एक भंडारे के दौरान आपसी विवाद में वारदात को अंजाम दिया था.अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अमरेन्द्र सिंह ने बताया कि थाना प्रभारी आरडी कानवा की टीम फरियादी की रिपोर्ट पर हत्या कांड के 24 घंटे के अंदर ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. फरियादी दिव्यांश कुशवाह ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि शुक्रवार 28 फरवरी की रात को वह अपने भाई धमेंद्र सेवकर के साथ एक सार्वजनिक भंडारे में मौजूद था. वहां संजय, अभिषेक और आकाश नामक तीन लोगों से विवाद हो गया. विवाद के कुछ देर बाद रात 11,30 बजे जब उसका भाई अपनी चप्पल लेने लौटा, तो आरोपियों ने उसे घेर लिया और कहने लगे कि आज तुझे खत्म कर देंगे.
संजय और आकाश ने धर्मेंद्र को पकड़ लिया और अभिषेक ने चाकू से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. फरियादी जब अपने भाई को बचाने पहुंचा, तो आकाश ने धमकी दी कि इसे भी खत्म कर दो. डर के कारण फरियादी वहां से भाग निकला, लेकिन कुछ देर बाद वापस आने पर उसने अपने भाई को गंभीर हालत में पाया. धर्मेंद्र को तत्काल इलाज के लिए एमवाय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. रिपोर्ट दर्ज होते ही थाना परदेशीपुरा पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर संजय पिता कन्हैयालाल बांगड़ (28 वर्ष), अभिषेक पिता कन्हैयालाल बांगड़ (24 वर्ष), आकाश पिता संतोष भावसार (21 वर्ष), तीन आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों के पास से हत्या में प्रयुक्त चाकू भी जब्त कर लिया है.
रातभर रोता रहा बेटा
निगम कर्मी धर्मेंद्र लकवाल की हत्या के बाद उसके मासूम बेटे का हाल बेहाल हो गया है. मृतक धर्मेंद्र उर्फ गोलू के सात वर्षीय बेटे कुणाल ने रातभर रोते हुए बार-बार कहा मुझे भी जला दो, जैसे पिता को जलाया है. मृतक धर्मेंद्र के परिवार और आसपास के लोग इस घटना से गहरे सदमे में हैं. धर्मेंद्र की पत्नी कई साल पहले पारिवारिक विवाद के कारण उसे छोड़ चुकी थी, और अब उसके बेटे की देखभाल करने वाला कोई नहीं है. धर्मेंद्र का व्यवहार बस्ती में सबसे अच्छा माना जाता था. घटना के बाद बस्ती में सन्नाटा पसरा हुआ है, और हर कोई धर्मेंद्र की अच्छाईयों के बारे में चर्चा कर रहा है