साइबर हमलों जैसी गैर पारंपरिक चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहे तटरक्षक बल: राजनाथ

नयी दिल्ली 25 फरवरी (वार्ता) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तटरक्षक बल से साइबर हमलों , डेटा चोरी, सिग्नल और राडार जैमिंग जैसी गैर पारंपरिक चुनौतियों से निपटने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी अपनाने तथा इन स्थितियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहने को कहा है।

श्री सिंह ने मंगलवार को यहां तटरक्षक बल के अलंकरण समारोह में वीरता, विशिष्ट सेवा और उल्लेखनीय सेवा के लिए 32 कर्मियों को पदकों से सम्मानित किया। इनमें राष्ट्रपति के छह तटरक्षक पदक, 11 तटरक्षक पदक (वीरता) और 15 तटरक्षक पदक शामिल हैं। रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर वीरता के लिए तटरक्षक पद से सम्मानित कमांडेंट सौरभ (मरणोपरांत) को नमन किया तथा उन्हें श्रद्धांजलि भी दी।

उन्होंने कहा कि बदलते समय में तटरक्षक बलों की चुनौतियां भी बदल रही हैं इसलिए बल को अपने आपको इनसे निपटने में सक्षम बनाकर हमेशा तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा , “ हमारे सामने वर्षों से, जो पारंपरिक खतरे उभर रहे हैं, उनको दूर करने के लिए आप सभी हमेशा चौकस रहते हैं। लेकिन जैसे-जैसे समय बदल रहा है, हमारे सामने अब चुनाैतियां भी अलग तरीके की आ रही हैं। उन्नत प्रौद्योगिकी के इस दौर में, हमारे सामने ऐसी चुनौतियां भी आ रही हैं, जो गैर पारंपरिक हैं।तटरक्षक बल को साइबर हमले, डेटा चोरी, सिग्नल जैमिंग, रडार में व्यवधान और जीपीएस धोखे जैसे अनेक प्रौद्योगिकी खतरे से को दो-चार होना पड़ रहा है।”

उन्होंने कहा कि कहने का अर्थ यह है कि तटरक्षक बल के सामने, एक ओर पारंपरिक खतरे हैं, तो दूसरी ओर नये उभरते खतरे भी हैं। यानी आपको दोनों ही तरीके से चौकस रहने की जरूरत है

रक्षा मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में जिस सशक्त और समृद्ध भारत की संकल्पना की जा रही है उसकी राह सभी बलों के सशक्तीकरण से होकर जाती है। उन्होंने कहा , “ हमारी सशक्त सुरक्षा को मैं, सशक्त कृषि, सशक्त शिक्षा, सशक्त स्वास्थ्य, सशक्त अर्थव्यवस्था, सशक्त विज्ञान और प्रौद्योगिकी और संपूर्ण राष्ट्रीय और सामाजिक सशक्तीकरण से जोड़कर देखता हूँ। हमारे सपनों का भारत तभी सशक्त हो सकेगा, जब हमारी सुरक्षा व्यवस्था और हमारे सुरक्षा बल सशक्त होंगे। ”

श्री सिंह ने कहा कि सरकार तटरक्षक बल की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। तटरक्षक बल को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 9,676 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले वर्ष के बजट की तुलना में 26.60 प्रतिशत अधिक है। यह तटरक्षक बल को आधुनिक बनाने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने कहा कि तटरक्षक बल के लिए 14 गश्त नौका, 6 एयर कुशन व्हीकल, 22 इंटरसेप्टर बोट , 6 अपटीय गश्त पोत और अगली पीढी की 18 गश्त नौका की खरीद की मंजूरी दी गयी है। इससे आने वाले समय में तटरक्षक बल की क्षमता तथा ताकत दोनों बढेंगी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि तटरक्षक बल ने, खुद भी तकनीकी उन्नति पर ध्यान दिया है और महिपालपुर में डिजिटल कोस्ट गार्ड प्रोजेक्ट की नींव रखी है। इन सभी प्रयासों से तटरक्षक बल को मजबूती मिलेगी और वह पारंपरिक तथा गैर पारंपरिक खतरों से प्रभावी ढंग से निपट सकेगा। उन्होंने आश्वास्त किया कि सरकार हमेशा तटरक्षक बल के साथ खड़ी है।

उन्होंने कहा कि तटरक्षक बल के कर्मी विषम परिस्थितियों में तटीय सुरक्षा के साथ साथ विभिन्न बचाव अभियानों में साहसिक कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि तटरक्षक बल अपनी स्थापना से लेकर आज एक अजेय बल के रूप में विकसित हुआ है। इस बल ने दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बनायी है।

इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह , तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

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