माह भर ठंडा पड़ा है प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का चूल्हा, मरीजों की फजीहत

प्रसव के लिये आने वाली महिलाओं को नहीं मिल रहा है भोजन व चाय, जिम्मेदार बने मूकदर्शक

नवभारत न्यूज

सिहावल 25 अप्रैल। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अंतर्गत आने वाले कई प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का चूल्हा महीने भर से ठंडा पड़ा है। यहां भर्ती होने वाले मरीजों के लिये न तो चाय बन रही है और न ही भोजन की कोई व्यवस्था है। ऐसे में प्रसव के लिये आने वाली महिलाओं की सबसे ज्यादा फजीहत हो रही है। कारण शासन द्वारा आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से रखे कर्मचारियों को सेवा से पृथक करना है।

बताते चलें कि शासन स्तर से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज ज्यादातर प्रसव हेतु आने वाली महिलाओं के चाय-नाश्ते और भोजन के लिए संविदा तौर पर कुक एवं कुक हेल्पर की नियुक्ति की गई थी। जिनसे विगत 4 वर्षों से काम लिया जा रहा था इनके द्वारा प्रसव हेतु अस्पताल में पहुंचने वाली महिलाओं को सुबह के चाय-नाश्ता से लेकर भोजन परोसा जाता था लेकिन 31 मार्च 2024 से इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है और इन्हें इनके कार्य से पृथक कर दिया गया है लेकिन महिलाओं के चाय-नाश्ते और भोजन के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिसके कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिहावल अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बहरी, पोखरा, नकझर, अमरपुर, अमिलिया एवं बिठौली में आने वाली महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सोचने वाली बात यह है कि विगत माह भर से इस तरफ किसी वरिष्ठ अधिकारी का ध्यान ही नहीं गया। एक ओर जहां अस्पताल के मरीज चाय-नाश्ते और भोजन के लिए परेशान है वहीं दूसरी ओर विगत 4 वर्षों से अपनी सेवाएं देने वाले कर्मचारी भी काफी परेशान है उनका कहना है कि विगत 4 वर्षों से हम अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं हमें ना तो समय पर वेतन दिया जाता था ना ही अन्य को। इस सुविधा के बावजूद इसके हमारे द्वारा लंबे समय तक अस्पताल में काम किया गया और अब अचानक हमें सेवा से पृथक कर दिया गया है साथ ही 5 माह का वेतन भी नहीं दिया गया है। वेतन के बारे में जब अधिकारियों से बात की जाती है तो बजट का रोना रोया जाता है। ऐसे में अब इन भोजन बनाने और बांटने वाले कर्मचारियों के सामने खुद भूखो मरने की नौबत आ गई है।

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भोजन व्यवस्था शुरू करने में बनी लेट-लतीफी

आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भर्ती मरीजों के लिये भोजन एवं चाय की व्यवस्था बनाई जा रही है जिसको शासन से आये आदेश के कारण 31 मार्च 2024 को आउटसोर्स कर्मचारियों को काम से पृथक कर दिया गया। लोगों का कहना है कि पूर्व से चली आ रही व्यवस्था को बंद करने से पूर्व स्वसहायता समूहों का चिन्हांकन करने के बाद उनको जिम्मेदार सौंपी जानी चाहिये थी। अब आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने के बाद स्वसहायता समूहों के चिन्हांकन में ही काफी लेट-लतीफी देखी जा रही है। जिसका खाामियाजा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भर्ती होने वाली प्रसूता महिलाओं को सबसे ज्यादा उठाना पड़ रहा है।

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इनका कहना है

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मरीजों के चाय एवं भोजन की व्यवस्था पूर्व में आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से बनाई जा रही थी। 31 मार्च 2024 को शासन के आदेश से आउटसोर्स की सेवाएं बंद कर दी गई हैं। अब स्वसहायता समूहों के माध्यम से भोजन की व्यवस्था बनाने के लिये पत्र जारी किये हैं। चुनाव के चलते स्वसहायता समूहों को चिन्हांकित करने में विलम्ब हुआ है। फिर भी प्रयास है कि एक सप्ताह में मरीजों की भोजन की व्यवस्था समूह के माध्यम से शुरू हो जाए। आउटसोर्स के कर्मचारियों को 5 महीने के बकाया वेतन भुगतान के लिये मांग पत्र भेजा गया है। राशि मिलते ही भुगतान कर दिया जायेगा।

डॉ.संजय पटेल, बीएमओ सिहावल

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