
सुसनेर, 15 फरवरी. हमारे शहर का प्राचीन इतिहास सहेजकर रखने वाली जीवनदायिनी कंठाल नदी में इन दिनों पानी बिल्कुल भी नहीं है. लेकिन फिर भी अपनी प्यास बुझाने के लिए देशी विदेशी पक्षी पहुंच रहे है. वे नदी में हो रहे गड्ढों में भरे पानी से अपने कंठ को तर करने का प्रयास कर रहे हंै. इन पक्षियो में कुछ पक्षी स्थानीय होने के साथ ही अन्य जगहों से आए हुए भी शामिल है. यदि जिम्मेदार इस नदी में कुंडालिया बांध का जल छोड देते हैं तो हो सकता है कि इन पक्षियों के साथ ही मवेशियों को भी प्यास बुझाने के लिए पानी मिल जाए.
