ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल से अर्चना चिटनिस ने की भेंट

बुरहानपुर:नईदिल्ली प्रवास के दौरान विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल से मुलाकात कर देश व दुनिया की एक अभिनव एवं अजूबी ‘‘ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना‘‘ को लेकर विस्तृत चर्चा की तथा संबंधित अधिकारियों को आगामी कार्यवाही हेतु निर्देश प्रदान करने के लिए अनुरोध किया।श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि 7 फरवरी 2025 को मान. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र के जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों की सयुंक्त बैठक कर निमाड़ एवं महाराष्ट्र के जल समृद्ध भविष्य हेतु महत्वाकांक्षी परियोजना ताप्ती मेगा रिचार्ज के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक निर्देश दिए है।

यह महती परियोजना विश्व की अनोखी ग्राउंड वाटर रिचार्ज परियोजना है जिसमें प्रकृति द्वारा निर्मित बजाडा झोन के डिफाल्ट को उपयोग में लाकर माँ ताप्ती के तलहटी में जलभराव की योजना है। 1991 में केंद्रीय भूजल बोर्ड ने 6 वर्षों तक अध्ययन कर इसकी क्रियान्वयन एवं उपयोगिता पर 7 खंडों में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की। वर्ष 2014 में केंद्र में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार आने के बाद इस परियोजना को गति प्राप्त हुई तथा उन्होंने एक टास्क फोर्स गठित करने हेतु निर्देशित किया। उक्त टास्क फोर्स ने 9 माह के रिकॉर्ड समय में इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की। डीपीआर तैयार होने के बाद अब परियोजना मूर्तरूप लेने को तैयार है क्योंकि केंद्र में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार है राज्य में हमारे मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव जी और महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस जी की सरकार है।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की हरी झंडी के बाद आगामी कार्यवाही हेतु प्रयासरत्
7 फरवरी 2025 को भोपाल में बैठक में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, मध्यप्रदेश जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट एवं श्रीमती अर्चना चिटनिस सहित मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में परियोजना का प्रस्तुतिकरण हुआ था। इसमें परियोजना को मूर्तरूप दिलाने हेतु मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने हरी झंडी देते हुए परियोजना के क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्य के जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इसके क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। तत्पश्चात ही आज श्रीमती चिटनिस ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल से दिल्ली में मुलाकात कर उनसे भी परियोजना के क्रियान्वयन संबंधी निर्देश जारी करने के लिए अनुरोध किया।

श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बुरहानपुर सहित महाराष्ट्र के 5 जिलों की जीवन रेखा ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए योजना के जमीन पर मूर्तरूप दिलाने हेतु किए गए प्रयासों और कार्यों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि यह वृहद जल पुनर्भरण योजना मध्यप्रदेश तथा महाराष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योजना है एवं इससे क्षेत्र के समग्र विकास हेतु जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। श्रीमती चिटनिस ने ताप्ती कछार में स्थित अदभूत भूजल गर्भीय संरचना के बारे में जानकारी से अवगत कराते हुए कहा ताप्ती कछार में सतपुड़ा पर्वत की तलहटी में ताप्ती नदी तथा सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला के समानांतर ‘‘भूभ्रंश‘‘ (फाल्ट) है। इसी भूभ्रंश से सटकर अत्यंत पाझर (परमेबल) ‘‘बजाड़ा झोन‘‘ पाया गया है। प्रकृति की इस विशेषता के कारण इस क्षेत्र में बरसात के दौरान बहने वाली स्थानीय नदी-नालों का अधिकांश पानी भू-जल को पुनर्भरित करता चलता हैं। भारत सरकार के भू-जल बोर्ड ने इस आश्चर्यजनक फेनोमीनन को देखते हुए संशोधन पुस्तिका प्रकाशित कर बताया है कि ताप्ती के बरसाती बाढ़ के पानी को इस भूभ्रंश से सटकर चलाया जाए तो बड़े पैमाने पर भू-जल रिचार्ज हो सकता है, ऐसा निष्कर्ष भू-जल बोर्ड द्वारा निकाला गया।
परियोजना देश व दुनिया की एक अभिनव एवं अजूबी
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि यह परियोजना देश व दुनिया की एक अभिनव एवं अजूबी परियोजना होने वाली हैं। यह मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्य का संयुक्त उपक्रम है जो केला उत्पाद क्षेत्र के लिए एक वरदान साबित होगी। मेरा ही नहीं बल्कि सभी का दृढ़ विश्वास है कि ऐसी अद्भुत, अद्वितीय एवं आवश्यक परियोजना का क्रियान्वयन सभी के सहयोग से संभव हो सकेगा। इस परियोजना में महाराष्ट्र के धारणी से ताप्ती नदी के दोनों कछार से नहरे बननी है। दोनों ओर की नहरे ताप्ती कछार में स्थित भूभ्रंश (फाल्ट) के नजदीक से गुजरने वाली है तथा इन नहरों के माध्यम से कंट्रोलेड भूजल पुनर्भरण प्रस्तावित हैं। पुनर्भरण संरचना भू स्तर को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) के वैज्ञानिक निर्धारित करेंगे। इस प्रकार भूगर्भ की संरचना का आधार लेकर लगभग एक लाख करोड़ लीटर (30 टीएमसी) पानी का हर वर्ष पुनर्भरण होना हैं।

भारत सरकार के निर्देश पर एवं मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र दोनों के निरंतर प्रयास से वापकोस नई दिल्ली कार्यालय द्वारा डीपीआर तैयार कर दिया गया है। जिसमें मध्यप्रदेश का 1.23 लाख हेक्टेयर एवं महाराष्ट्र का 2.34 लाख हेक्टेयर पुनर्भरण से लाभान्वित होने वाला है तथा 48 हजार हेक्टेयर सीधी सिंचाई से लाभ होगा। जिससे मध्यप्रदेश के बुरहानपुर एवं खंडवा तथा महाराष्ट्र के जलगांव, बुलढाणा, अकोला और अमरावती जिले के क्षेत्र सम्मिलित है। श्रीमती चिटनिस ने कहा इस परियोजना अंतर्गत पुनर्भरण से जलस्तर बढ़ना, भूजल गुणवत्ता सुधार, महाराष्ट्र के विदर्भ के खारपण पट्टा में क्षारों की तीव्रता (डेल्यूशन) कम होकर भूजल उपयुक्तता बढ़ाना, तालाब से सीधी सिंचाई होना एवं पर्यावरण का संरक्षण व संवर्धन होने का ध्येय निश्चित है। इस पर योजना की अनुमानित लागत रु. 19 हजार करोड़ के आसपास है इसका समुचित लाभांश क्षेत्र 3.57 लाख हेक्टेयर है।

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