मध्यप्रदेश को स्टार्ट अप और नवाचार का केंद्र बनाने का लक्ष्य

भोपाल, 09 फरवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 24 फरवरी से प्रारंभ होने वाले दो दिवसीय ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट की तैयारियों के बीच आज राज्य सरकार ने कहा कि हमारा प्रयास इस राज्य को “स्टार्ट अप और नवाचार” का केंद्र बनाने का है।

एक सरकारी विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि राज्य सरकार नवाचार, उद्यमिता और रोजगार सृजन को प्राथमिकता देते हुए युवा उद्यमियों की आकांक्षाओं के अनुकूल “स्टार्ट-अप कल्चर” को विकसित करने की दिशा में प्रभावी रणनीति अपना रही है। सरकार का प्रयास मध्यप्रदेश को “स्टार्ट-अप और नवाचार” का केंद्र बनाना है, जहां युवा उद्यमियों को अपने विचारों को सफल व्यवसायों में बदलने के लिए अनुकूल माहौल और पूरा सहयोग मिले।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि “स्टार्ट-अप” न केवल प्रदेश के आर्थिक विकास में योगदान देंगे, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेंगे। प्रदेश में स्टार्ट-अप के विकास के लिए वित्तीय सहायता, सशक्त नीतिगत ढांचा और आधुनिक बुनियादी ढांचे की सुविधा प्रदान की जा रही है और इस दिशा में सरकार ठोस कदम उठा रही है। इससे न केवल नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्रदेश के युवा उद्यमी अपने सपनों को साकार कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विज्ञप्ति के जरिए कहा कि प्रदेश में ‘एमपी स्टार्ट-अप पॉलिसी एंड इम्प्लीमेंटेशन स्कीम’ लागू है, जिसके तहत स्टार्ट-अप को वित्तीय सहायता, बुनियादी ढांचा सहयोग और नीति समर्थन उपलब्ध कराया जा रहा है। नई स्टार्टअप नीति के अनुसार स्टार्ट-अप को कुल निवेश का 18 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता (अधिकतम 18 लाख रुपये तक) दी जाती है। यह सहायता स्टार्ट-अप के विकास के प्रत्येक चरण के लिए अलग-अलग प्रदान की जाती है, जिसमें अधिकतम 4 चरणों तक सहायता मिल सकती है। इस नीति के अनुसार स्टार्ट-अप को वित्तीय प्रोत्साहन, बुनियादी ढांचा सहयोग और क्षमता निर्माण जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अलावा, स्टार्ट-अप को सरकारी निविदाओं में अनुभव और ‘टर्न ओवर’ की शर्तों में छूट दी गई है और उन्हें ‘अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट’ से भी मुक्त रखा गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार स्टार्ट-अप को अनिवार्य लाइसेंस एवं परमिट शुल्क से छूट प्रदान कर रही है और दो वर्षों तक सरकारी खरीद में प्राथमिकता दे रही है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के पास भरपूर बिजली, पानी और प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं, जो इसे निवेशकों के लिए एक बेहतर निवेश स्थल साबित होगा।

मध्यप्रदेश देश के प्रमुख औद्योगिक गलियारों से जुड़ा हुआ है, जिससे यहां से उत्पादों का सुगम और कम लागत में परिवहन संभव है। यह रणनीतिक बढ़त उन कंपनियों के लिए लाभदायक होगी, जो अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहती हैं। नवाचार और उद्योगों के लिए उपयुक्त केंद्र भारत के हृदय प्रदेश के रूप में पहचाने जाने वाले मध्यप्रदेश में 300 से अधिक औद्योगिक पार्क मौजूद हैं। प्रदेश की 8 करोड़ से अधिक की जनसंख्या के साथ, यह प्रतिभाओं का एक विशाल केंद्र है, जहां 1,287 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, 1,373 सरकारी एवं निजी कॉलेजों और आईआईटी-आईआईएम जैसे शीर्ष शिक्षण संस्थानों से हर साल हजारों स्नातक पास आउट होते हैं।

ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का उद्घाटन 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां करेंगे। इसमें देश विदेश के सैकड़ों प्रतिनिधि शामिल होंगे।

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