युवराज महावीर को आया वैराग्य – ली दिगंबर मुनि दीक्षा

सकल दिगंबर जैन समाज ने किया दिगंबर मुनिराज का गुणगान – आज मनेगा ज्ञानकल्याणक महोत्सव
जबलपुर: संस्कारधानी में चल रहे श्री महावीर स्वामी दिगंबर जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के चतुर्थ दिवस सकल जैन समाज के साथ श्री वीतराग विज्ञान मंडल, जैन युवा मंडल एवं त्रिशला महिला मंडल सहित पूरे विश्व से पधारे हजारों जैन बंधुओं ने तपकल्याणक महोत्सव मनाकर दिगंबर महामुनिराजों का गुणगान किया।महोत्सव के मीडिया प्रभारी दीपक राज जैन एवं नितिन जैन ने बताया कि प्रातःकाल की मंगल बेला पर सकल समाज ने कुंडलपुर नगरी में भक्ति भाव पूर्वक श्री जिनेन्द्र पूजन कर मंगलकारी महोत्सव का शुभारंभ किया पश्चात गुरुदेवश्री कांजी स्वामी के सीढ़ी प्रवचनों में गायक भगवान आत्मा की बात जानी इसी क्रम में पंडितश्री राजेन्द्रकुमार जैन जबलपुर, अभयकुमार शास्त्री देवलाली, शैलेश भाई तलौद, डॉ. मनीष शास्त्री मेरठ एवं विपिन जैन नागपुर के मंगल प्रवचनों का लाभ लेकर आत्मा से परमात्मा बनने का मार्ग जाना और मुनिराज महावीर प्रभु की आराधना कर उनका गुणगान किया।

कुंडलपुर नगरी में युवराज महावीर को संसार की असरता देख वैराग्य आया ओर उनके 10 भावों का सुंदर चित्रण किया गया जिसमे उनके अंतिम भव शेर की पर्याय में सम्यक दर्शन की प्राप्ति की ओर वर्तमान भव में तीर्थंकर महावीर बनकर मुक्तिश्री का वरण किया।युवराज महावीर की वैराग्य की लौकांतिक देवों ने अनुमोदना की पश्चात वन गमन के पूर्व पालकी को प्रथम उठाने पर देव ओर मानवों की सुंदर चर्चा दिखाई गई जिसमें सौधर्म इंद्र ने कहा कि जो मुनिराज महावीर के साथ दीक्षा लेगा वह प्रथम पालकी उठावेगा इस प्रकार संयम के आगे स्वर्ग का वैभव फीका पड़ गया ओर सभी ने संयम धर्म की अनुमोदना की पश्चात युवराज महावीर की पालकी वन की प्रस्थान की जहां प्रतिष्ठाचार्य महोदय द्वारा प्रतिष्ठा विधि कराई गई ओर युवराज महावीर बन गए दिगंबर महामुनिराज महावीर, अपार जनसमुदाय ने महामुनिराज महावीर प्रभु को नमोस्तु कहकर उनकी वंदना की।

इस अवसर बाल तीर्थंकर के माता पिता सहित अन्य 4 साधर्मियों ने अजीवन ब्रह्मचर्य का नियम लिया साथ ही हजारों जैन बंधुओं ने अष्टमी, चतुर्दशी, अष्टानिक, दशलक्षण महापर्व पर ब्रह्मचर्य व्रत सहित अन्य नियम लेकर संयम धर्म की अनुमोदना की।संध्या के समय बच्चों की पाठशाला के बाद कुंडलपुर नगरी में दिल्ली से पधारे युवा भजन गायक संजीव जैन की भजन संध्या के माध्यम से दिगंबर मुनिराजों की भक्ति की अंत में मुंबई से पधारे युवा बांसुरी वादक आर्चेश पाटनी ने अपनी बांसुरी से जिनवाणी स्तुति कर सभी का मन जीत लिया पश्चात त्रिशला महिला मंडल द्वारा प्रस्तुत नाटक क्षत्रचूड़ामणि का शानदार एवं यादगार मंचन किया जिसकी सकल समाज ने सराहना की।
आज मनेगा ज्ञानकल्याणक महोत्सव
मंडल अध्यक्ष अशोक जैन एवं फेडरेशन अध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि महोत्सव के पंचम दिवस आज गुरुवार 6 फरवरी को ज्ञानकल्याणक महोत्सव मनाया जावेगा जिसका शुभारंभ प्रातः 06.30 बजे मंगल प्रभात गीत से होगा पश्चात 06.45 से 07.45 से श्री जिनेन्द्र पूजन, 8.30 से प्रथम शास्त्र स्वाध्याय,
गुरुदेवश्री सी.डी. प्रवचन, 10.00 बजे से मुनिराज वर्धमान की आहारविधि एवं वन गमन, दोपहर में नवीन जिन मंदिर में
चरण चिन्ह, जिनवाणी, चंवर शोभायात्रा एवं धर्मायतन में विराजमान विधि, मोक्षार्थी श्रावक सभा समवशरण रचना, केवलज्ञान महोत्सव, ज्ञान कल्याणक पूजन एवं दिव्यध्वनि प्रसारण, संध्या 6.30 से बच्चों की पाठशाल सहित रात्रि 10.30 तक विविध अनुष्ठानों होंगे।

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