कमीशन में फंसी स्कूलों को विद्युत एवं स्वच्छता की मिली राशि

विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के खाते में भेजी गई है स्कूलों की राशि, कमीशन देने पर जारी हो रही राशि

नवभारत न्यूज

सीधी 4 फरवरी। सरकारी स्कूलों को विद्युत एवं स्वच्छता व्यवस्था के लिये मिली राशि कमीशन में फंस गई है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों के खाते में राशि आने के बाद उसको स्कूलों को देने के लिये कई जगह कमीशन मांगने की शिकायतें सामने आ रही हैं।

बताते चलें कि लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश द्वारा शाकसीय विद्यालयों में पर्याप्त विद्युत व्यवस्था के लिये 20 हजार रूपये प्रत्येक स्कूल के मान से राशि जारी की गई है। यह राशि सीधे समस्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के बैंक खाते में भेजी गई है। ब्लाक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से ही उनके क्षेत्र की स्कूलों को राशि दी जानी है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि शासकीय स्कूलों में पर्याप्त विद्युत व्यवस्था के लिये 20 हजार रूपये के मान से राशि आवंटित की गई है। उक्त राशि से प्रत्येक कक्षा भवन में पर्याप्त विद्युत व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये गये हैं। कक्षाओं में पर्याप्त प्रकाश रहे इसके लिये ट्यूब लाईट/एलईडी की व्यवस्था बनाई जानी है। निर्देश में कहा गया है कि शासकीय विद्यालयों की कक्षाओ में पर्याप्त रोशनी न होने से दिक्कतें होती हैं। विशेषकर सर्दियों के दिनों में ठंडी हवाओं के बचाव के लिये खिड़कियों, दरवाजों को बंद करने पर कक्षाओं में पर्याप्त प्रकाश की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है। वांछित प्रकाश के अभाव में विद्यार्थियों को पठन-पाठन एवं सीखने का कौशल एवं क्षमता पर विपरीत प्रभाव पढ़ता है।

इसी तरह लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा शासकीय हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में शौंचालय मरम्मत के लिये 200 से कम छात्रों के प्रवेश पर 25 हजार एवं छात्रों की संख्या 200 से अधिक होने पर 50 हजार रूपये प्रति विद्यालय के मान से राशि जारी की गई है। जारी निर्देशों में कहा गया है कि उक्त राशि से विद्यालयों के शौंचालयों में मरम्मत कार्य करायें। इसमें टायलेट शीट, यूरीनलपाट, पाईप लाईन, सीवेज लाईन, पानी की टंकी बदलना, मोटर, टाईल्स, बास बेसिन बदलना, टोंटी आदि सेनेटरी आईटम की उचित व्यवस्था बनाना है। साथ ही सभी शौंचालयों में पानी के पर्याप्त इंतजाम किये जाने हैं। यह राशि भी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों के खाते में संबंधित स्कूलों के लिये भेजी गई है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से ही राशि का आवंटन होना है। इसमें भी कमीशन की मांग की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं।

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अधिकांश स्कूलों की कक्षाओं में रोशनी की कमी

जिले के अधिकांश शासकीय स्कूलों के कक्षा भवनों में रोशनी के इंतजाम नहीं है। हालात यह है कि कुछ स्कूलों में तो पर्याप्त रोशनी के अभाव में छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में तो हालात और भी ज्यादा दयनीय है। शाला निधि की जो राशि संस्था प्रमुखों को मिलती है उसका फर्जी बिल बाउचर बनाकर हर वर्ष हजम कर ली जाती है।

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इनका कहना है

लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा शासकीय विद्यालयों में पर्याप्त विद्युत व्यवस्था के लिये राशि जारी की गई है। यह राशि विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों के खाते में सीधे भेजी गई है। वहां से प्रत्येक स्कूल को 20 हजार रूपये के मान से राशि जारी होनी है। जहां तक कमीशन की बात है वह अभी तक उनके संज्ञान में नहीं आई है।

डॉ.पी.एल.मिश्रा, डीईओ सीधी

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