नयी दिल्ली, 03 फरवरी (वार्ता) लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार कहा कि भारत और रूस के बीच समय की कसौटी पर खरी उतरी घनिष्ठ मित्रता पूरी दुनिया के लिए सहयोग तथा राजनय का अनुकरणीय उत्कृष्ट उदाहरण है।
दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और गहरी दोस्ती के बारे में बात करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमारे द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध सदियों पुराने हैं और स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद से ही रूस भारत का सबसे करीबी सहयोगी रहा है।
श्री बिरला ने ये टिप्पणियां रूसी संघ की फेडरल एसेम्बली के स्टेट ड्यूमा के चेयरमैन व्याचेस्लाव वोलोडिन के नेतृत्व में भारत यात्रा पर आए रूसी संसदीय शिष्टमंडल से आज संसद भवन परिसर में हुई मुलाकात के दौरान की।
वर्ष 2024 में ब्रिक्स की लाभप्रद अध्यक्षता के लिए रूस को बधाई देते हुए और 2024 में सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स संसदीय शिखर सम्मेलन में भागीदारी का उल्लेख करते हुए, श्री बिरला ने संसदीय प्रक्रियाओं को मजबूत करने और दोनों देशों के परस्पर संबंधों मजबूत करने में संसदीय आदान-प्रदान के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने हर्ष व्यक्त किया कि रूसी शिष्टमंडल ने लोक सभा और राज्य सभा, दोनों सभाओं की कार्यवाही देखी, जिससे उन्हें भारत के लोकतांत्रिक कार्यकरण के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने शिष्टमंडल को बताया कि वर्तमान में बजट सत्र चल रहा है, जिसके आरंभ में राष्ट्रपति ने दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया और पिछले वर्ष के दौरान हुए कार्यों की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री ने ने भी हाल ही में बजट प्रस्तुत किया है।
श्री बिरला ने भारत की संसदीय समिति प्रणाली के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ये समितियां ‘लघु संसद’ के रूप में कार्य करते हुए बजटीय मामलों तथा प्रमुख मुद्दों की विस्तारपूर्वक जांच करती हैं । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समितियां निष्पक्ष ढंग से कार्य करते हुए उन मुद्दों पर गहन चर्चा करती हैं जिन पर प्रायः समय की कमी तथा मुद्दों के व्यापक दायरे के कारण मुख्य सदन में विस्तृत चर्चा नहीं हो पाती ।
श्री बिरला ने गणतंत्र के रूप में भारत की 75वीं वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए स्वतंत्रता के बाद से राष्ट्र की यात्रा तथा सभी नागरिकों के लिए समानता सुनिश्चित करने में संविधान के संस्थापकों के दूरदर्शी प्रयासों के बारे में विचार व्यक्त किए ।
श्री बिरला ने भारत तथा रूस की संसदों के बीच सहयोग पर भी प्रकाश डाला तथा अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू), ब्रिक्स संसदीय मंच तथा जी-20 जैसे बहुपक्षीय मंचों सहित विभिन्न स्तरों पर हुए संवाद का उल्लेख किया । उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स संसदीय शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी का स्मरण करते हुए रूसी संसदीय नेताओं के साथ हुई मुलाक़ात के बारे में भी बात की । श्री बिरला ने राजनीतिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक सहयोग पर आधारित विशेष रणनीतिक साझेदारी के रूप में विकसित हुए भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करने पर ज़ोर दिया । इस बात का उल्लेख करते हुए कि भारत और रूस के बीच बहुपक्षीय क्षेत्रों में जीवंत संबंध हैं, अध्यक्ष महोदय ने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संबंध इस व्यापक साझेदारी का सुदृढ़ आधार हैं । उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा का संचार होगा, जिससे परस्पर विकास और समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
अपने संबोधन में, श्री व्याचेस्लाव वोलोडिन ने अपने शिष्टमंडल के गर्मजोशी से किए गए स्वागत-सत्कार के लिए श्री बिरला को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत-रूस के बीच दीर्घकालिक साझेदारी प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच घनिष्ठ संबंधों के कारण और मजबूत हो रही है। उन्होंने भारत की उल्लेखनीय आर्थिक विकास की सराहना करते हुए कहा कि भारत वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है । इसके साथ ही, उन्होंने भारत और रूस के लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों के बारे में बात की, जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हुए हैं।
इस बैठक में संसद सदस्य, डॉ. संजय जायसवाल, अपराजिता सारंगी,कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी, डॉ. शशि थरूर तथा लोक सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह भी शामिल हुए।