तमाम कोशिशों के बावजूद इंदौर भाजपा जिला अध्यक्ष और नगर अध्यक्ष का फैसला नहीं हो सका है. ग्रामीण में मामला मंत्री विरुद्ध मंत्री यानी कैलाश विजयवर्गीय विरुद्ध तुलसी सिलावट हो गया है. भाजपा विधायक उषा ठाकुर और मनोज पटेल ने तुलसी सिलावट को आगे कर मंत्री गुट के जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा का विरोध किया है. जिले में सभी नौ विधायक भाजपा के हैं, लेकिन खास तौर से उषा ठाकुर, मनोज पटेल और मालिनी गौड़ कैलाश विजयवर्गीय के घनघोर विरोधी माने जाते हैं। मधु वर्मा और महेंद्र हार्डिया न्यूट्रल माने जाते हैं. जबकि तुलसी सिलावट पिछले कुछ महीने पहले तक कैलाश विजयवर्गीय की तरफ झुकाव रखते थे लेकिन अब स्थिति बदल गई है.
दरअसल, जब से तुलसी सिलावट ने अंतर दयाल का नाम जिला अध्यक्ष की रायशुमारी में आगे बढ़ाया है तब से जिले की राजनीति के समीकरण बदल गए हैं. उषा ठाकुर और मनोज पटेल कैलाश विजयवर्गीय के बढ़ते हस्तक्षेप और उनकी ताकत के समक्ष खुद को असाहय महसूस कर रहे हैं. इसलिए उन्होंने तुलसी सिलावट को कैलाश विजयवर्गीय के समक्ष आगे किया है. दरअसल, प्रदेश में भाजपा के जिला अध्यक्षों की कई सूची आ चुकी हैं, पर उसमें इंदौर के शहर और जिलाध्यक्ष के नाम नहीं आए.
वरिष्ठ पदाधिकारियों की तमाम कोशिशों के बावजूद इंदौर के अध्यक्ष तय नहीं हो पा रहे हैं. दरअसल इंदौर के दोनों मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट जिलाअध्यक्ष पद पर अपने समर्थक चाहते हैं. दोनों मंत्रियों ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है और अपने समर्थकों को अध्यक्ष पद की कुर्सी पर देखने के लिए पूरी ताकत लगा दी है. इस कारण सूची जारी नहीं हो पाई.कैबिनेट मंत्री विजयवर्गीय अपने खास समर्थक चिंटू वर्मा को रिपीट कराना चाहते हैं. वे वर्तमान में जिलाध्यक्ष हैं और सालभर पहले ही वे अध्यक्ष बने थे, क्योंकि पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर को सोनकच्छ से टिकट मिल गया था और वे चुनाव जीतकर विधायक बन गए. तुलसी सिलावट कलौता समाज के अंतर दयाल को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं. उनके नाम पर विधायक उषा ठाकुर और मनोज पटेल भी राजी हैं.
अंतर दयाल का नाम केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी आगे बढ़ाया है. शहर से ज्यादा माथा पच्ची वरिष्ठ पदाधिकारियों को ग्रामीण जिलाध्यक्ष तय करने में आ रही है. उधर इंदौर में वर्तमान अध्यक्ष गौरव रणदिवे फिर अध्यक्ष बनने के लिए भोपाल तक जोर लगा रहे हैं. कैलाश विजयवर्गीय ने दीपक जैन टीनू का नाम आगे बढ़ाया है. उनकी दूसरी पसंद सुमित मिश्रा है, जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के समय से भाजपा का काम कर रहे मुकेश राजावत को संगठन के कुछ नेता नगर अध्यक्ष की कुर्सी पर देखना चाहते हैं, लेकिन प्रदेश में सबसे ज्यादा घमासान इंदौर के दो पदों पर ही मचा है.