सियासत
प्रदेश कांग्रेस कमेटी कम से कम आधे जिला अध्यक्षों को बदलने की कवायद कर रही है. इसके संकेत प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के बयानों से मिले हैं. सूत्रों का कहना है कि इनमें इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव भी शामिल हैं. दोनों को जल्दी ही उनके पदों से हटा दिया जाएगा. दरअसल ,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी जिला कांग्रेस अध्यक्षों के कामकाज को लेकर फीडबैक ले रहे हैं. इसके लिए एक मेकैनिज्म बनाया गया है. सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी घोषित करने के बाद अब जिला, ब्लाक स्तर पर बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है. आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. जिलों में संगठन की कमान नए चेहरों दी जाएगी. यह बदलाव अगले कुछ दिनों में किया जाएगा। पीसीसी चीफ ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है.
पिछले दिनों पीसीसी में आयोजित बैठक में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रभारियों से 25 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा है. साथ में जिले और ब्लॉक अध्यक्षों के लिए नाम भी मांगे हैं. जानकारी के मुताबिक प्रभारियों और सह प्रभारियों ने जिलों का फीड बैक भी लिया. इसमें सामने आया कि निचले स्तर पर संगठन में बड़े बदलाव की जरूरत है. सुझाव दिया गया कि जिले से लेकर ब्लॉक तक नए चेहरों को कमान सौंपी जाए. पीसीसी चीफ जीतू अपनी टीम में काम करने वाले कार्यकर्ताओं को प्रथमिकता दे रहे हैं. प्रदेश कार्यकारिणी में भी इसका विशेष ख्याल रखा गया है. अब बैठक में जीतू पटवारी ने कहा कि जिन जिलों में संगठन निष्कि्रय हैं, वहां नए लोगों को मौका दिया जाएगा। ऐसे लोगों के नाम तय किए जाएं, जो सक्रिय हों और कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चल सके। जो जिला और ब्लॉक अध्यक्ष सक्रियता से काम कर रहे हैं, उन्हें फिर से मौका दिया जाए. सभी के नामों की घोषणा दोबारा की जाएगी.
उन्होंने मोहल्ला और वार्ड कमेटियों का गठन करने के निर्देश भी दिए हैं. सूत्रों का कहना है इंदौर शहर के लिए एक विवादास्पद भू माफिया का नाम आगे बढ़ाया जा रहा है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में स्वर्गीय रामेश्वर पटेल के पुत्र राधेश्याम पटेल को जवाबदारी देने की बात की जा रही है. इंदौर के मामले में प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह की निगाहें हैं. उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय स्वागत प्रकरण के बाद यह जिद पकड़ ली थी कि सुरजीत चड्ढा और सदाशिव यादव दोनों को हटाया जाए. जीतू पटवारी ने इन दोनों को बचाने की आज तक भरसक कोशिश की है, लेकिन अब वह अधिक दिनों तक इन्हें नहीं बचा पाएंगे. यह माना जा रहा है कि ग्रामीण जिला अध्यक्ष यदि जीतू पटवारी की पसंद का हुआ तो शहर कांग्रेस अध्यक्ष दिग्विजय सिंह या कमलनाथ की पसंद से होगा.