ग्वालियर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमर सिंह माहौर ने अपने पान पत्ते की गोठ स्थित घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह वर्तमान में जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष थे और पूर्व में जीडीए के उपाध्यक्ष भी रहे थे।उन्होंने आत्महत्या क्यों की, इसे लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हैं। लेकिन कुछ दिन पहले उन पर एक जमीन से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले में एफआइआर दर्ज हुई थी। आशंका है इसके कारण ही उन्होंने आत्महत्या की होगी। पुलिस ने उनके शव का पोस्टमार्टम कराया और स्वजनों के सुपुर्द कर दिया।
रोज की तरह गुरुवार सुबह वह जागे और फिर बेटी कीर्ति और दामाद केशव से बात की। कीर्ति ने नाश्ते में हल्वा बनाया। इसे खाया और पिता-पुत्री ने आपस में खूब बातें की। कीर्ति अभी पीएचडी कर रही हैं। वह नाश्ता करने के बाद यूनिवर्सिटी के लिए निकलीं। घर के मुख्य दरवाजे पर उन्होंने ताला लगा दिया था।अंदर अमर सिंह अपने कमरे में थे। अमर सिंह के ही कमरे से घर का पिछला रास्ता निकलता है।
पीछे का दरवाजा अक्सर बंद रहता है। दोपहर करीब दो बजे कीर्ति घर लौटकर आई। अमर सिंह के कमरे का दरवाजा बंद था। कीर्ति को लगा कि पिता अंदर सो रहे होंगे। कुछ देर बाद उन्होंने आवाज दी। जब जवाब नहीं आया तो दरवाजा खटखटाया। दरवाजा अंदर से बंद था।इसके बाद कीर्ति ने पति केशव को फोन कर बुलाया। पड़ोसी भी यहां आ गए। जब दरवाजा तोड़ा तो अमर सिंह अंदर फांसी के फंदे पर लटके हुए थे। उन्होंने मफलर को फंदा बनाया और फांसी लगा ली। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया।