भोपाल, 07 मई मध्यप्रदेश के विंध्य अंचल के चोरहट से कांग्रेस विधायक एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आज आरोप लगाया कि रेलवे विंध्य की लगातार उपेक्षा कर रहा है।
श्री सिंह ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि रेलवे रीवा से होकर भोपाल सहित अन्यत्र जाने वाली रेल गाड़ियों में लगातार स्लीपर कोचों की संख्या धीरे-धीरे कम कर रहा है और एसी कोच की संख्या बढ़ा रहा है। इससे कम आय वर्ग वाले लोगों, विद्यार्थियों, मरीजों और गरीब यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है| यहां के सांसद दिल्ली में रेलवे बोर्ड अथवा रेल मंत्री से मिलकर आम जनता की परेशानियों को दूर करने के लिये कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं। उन्हें इसमें कोई रुचि नहीं है।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हजारों गरीब विद्यार्थी, उनके माता पिता और इलाज के लिये भोपाल आने-जाने वाले लोग रेवांचल एक्सप्रेस ट्रेन से ही यात्रा करते हैं। आश्चर्य की बात है कि इतनी अधिक संख्या में लोगों के आवागमन को देखते हुए रेलवे बोर्ड स्लीपर कोच की संख्या बढ़ाने की जगह उसे लगातार कम करता जा रहा है। यात्रियों को मजबूरन एसी का टिकट लेना पड़ता है। इसका किराया स्लीपर कोच से दो गुना से अधिक है| इस समय रेवांचल में स्लीपर का किराया 355 और सबसे सस्ते एसी इकानामी का 860 रूपये है। यात्री हलाकान होकर लगातार शिकायत कर रहे हैं।
श्री सिंह ने कहा कि पहले रेवांचल एक्सप्रेस में स्लीपर क्लास के 12 और जनरल के चार डिब्बे लगते थे। अब पिछले साल से स्लीपर के डिब्बे घटाकर छह कर दिए गए हैं। वहीं एसी थ्री के आठ, एसी टू के दो और एसी वन का एक डिब्बा लगता है। गर्मी की छुट्टी और शादी के सीजन में यात्रियों की फजीहत हो रही है। स्लीपर की हालत सामान्य बोगी जैसी हो गयी है। शिक्षा और चिकित्सा का केन्द्र भोपाल होने के कारण हजारों विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाएं देने और पढ़ाई के लिये तथा बीमारों को इलाज के लिये भोपाल आना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि रेलवे को एक अन्य नियमित गाड़ी रीवा भोपाल रीवा के लिए जबलपुर के रास्ते चलाना चाहिये। यात्रियों की परेशानियों को दूर करने के लिए यही एकमात्र विकल्प है। इसके लिए सभी जनप्रतिनिधियों को एक साथ मिलकर रेल मंत्रालय पर दबाव बनाना चाहिए।