गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन से राहुल की भारत जोड़ो यात्रा तक की अनुगूंज से लवरेज इंदिरा भवन : कांग्रेस

नयी दिल्ली, 18 जनवरी (वार्ता) कांग्रेस ने अपने नए मुख्यालय इंदिरा भवन को महात्मा गांधी के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ से राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ तक की अनुगूंज से लवरेज करार देते हुए कहा है कि इसमें कांग्रेस संविधान में निहित लोकतंत्र, राष्ट्र्वाद, धर्मनिरपेक्षतावाद, समावेशी विकास और न्याय को दर्शाया गया है।

कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन, संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश तथा संचार विभाग की प्रमुख पवन खेड़ा ने शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी का नया मुख्यालय इंदिरा भवन पांच मंजिला और अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। नये मुख्यालय को लेकर व्यापक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 19 नवंबर 2007 को पार्टी को जमीन आवंटित की थी और 2009 में इसका शिलान्यास हुआ। इस साल 14 जनवरी को पार्टी को कब्जा सर्टिफिकेट मिला और अगले दिन भवन का उद्घाटन कर दिया गया।

उन्होंने कहा “आधुनिकतम प्रौद्योगिकी और नवीनतम इन्फ्रास्ट्रक्चर से लैस ‘इंदिरा भवन’ न केवल दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी वाले देश की महत्वाकांक्षा का प्रतीक है, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा और सजग विपक्ष की भूमिका निभाने को तत्पर है। इंदिरा भवन- यह एक पांच मंजिला इमारत है, जो कुल 2,100 वर्ग मीटर में है। इस भवन में 276 सीट का अपना एक ऑडिटोरियम, बहुत सारे मीटिंग रूम्स हैं और कॉन्फ्रेंस हाल हैं। कांग्रेस के हर फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन और सेल के पदाधिकारियों की बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है। इसमें 134 पेड़, 8675 पौधे और 264 कलाकृतियां एवं चित्र हैं।

कैफेटेरिया में नंदलाल बोस की पेंटिंग्स हैं, जो गांधीजी के निवेदन पर 1938 में ‘हरिपुरा कांग्रेस अधिवेशन’ में बनाई गई थीं। गांधी जी ने इस अधिवेशन की परिकल्पना भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक के रूप में की थी जो स्वतंत्रता संग्राम की भावना को प्रतिबिंबित करता था। कला को कांग्रेस ने राजनीतिक और सामाजिक विमर्श में समाहित करने का प्रयास किया और यही कोशिश हम लोग इंदिरा भवन के माध्यम से कर रहे हैं। भवन की हर मंजिल कांग्रेस के इतिहास को दर्शाती है जो देश की आजादी का भी गौरवमयी इतिहास है। भवन की अनूठी विशेषता सेंट्रल एट्रियम है, जो इसमें खुलेपन और जुड़ाव का एहसास देता है। दूसरी बड़ी विशेषता इसके स्थायी डिजाइन तत्व हैं। जैसे सोलर पैनल और एनर्जी एफिशिएंट प्रणालियां पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार और लंबे समय के लिए भवन को किफायती बनाते हैं। तीसरी विशेषता सार्वजनिक सहभागिता के कमेटी और कॉन्फ्रेंस रूम जैसे स्थान हैं जो समुदाय की सहभागिता, संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को मंच प्रदान करते हैं।”

कांग्रेस नेताओं ने कहा “कांग्रेस का नया भवन इमारत नहीं, आजादी की एक गौरवशाली विरासत है। यह इंदिरा भवन की बुनियाद में एक वैचारिक आंदोलन है, तो इसके शिखर पर संविधान की रक्षा का संकल्प भी है। आपको इंदिरा भवन की रगों में सीढ़ी-दर- सीढ़ी महात्मा गांधी के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ से लेकर राहुल गांधी के ‘भारत जोड़ो यात्रा की गूंज दौड़ती नजर आएगी। यह भवन उन लाखों कार्यकर्ताओं के अनुदान से बना है, जो इस बात में आस्था रखते हैं कि कांग्रेस का अर्थ- सर्वहारा वर्ग के उत्थान का संघर्ष, भारत के सद्भाव की रक्षा और समावेशी विकास में आस्था है। कांग्रेस संविधान के पांच मूल्यों लोकतंत्र, राष्ट्र्वाद, धर्मनिरपेक्षता, समावेशी विकास और न्याय- को भवन के रिसेप्शन में दर्शाया गया है।”

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