मंडल अध्यक्ष पद पर नरसिंह राठौर की नियुक्ति बहाल न किए जाने पर आगामी चुनावों में भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने की चेतावनी
ग्वालियर: भारतीय जनता पार्टी के स्वामी विवेकानंद मंडल अध्यक्ष पद पर पहले नरसिंह राठौर की नियुक्ति, फिर दूसरे ही दिन हटाने से राठौर क्षत्रिय समाज आक्रोशित है। आक्रोशित समाज द्वारा फूलबाग पर धरना-प्रदर्शन किया गया। समाज के अध्यक्ष रामवरन सिंह राठौर ने कहा कि भाजपा के फैसले एक व्यक्ति नहीं करता है, इसमें चुनाव अधिकारी और जनप्रतिनिधि के समन्वय से निर्णय होते हैं। राठौर समाज के साथ इस तरह का व्यवहार पार्टी की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। धरनास्थल पर “जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी” और “जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है” जैसे जोशीले नारे गूंजते रहे। सैकड़ों की तादाद में समाजबंधु धरना प्रदर्शन में सम्मिलित हुए।
धरने के दौरान राठौर क्षत्रिय समाज के नेताओं का भाजपा के प्रति जमकर गुस्सा फूट पड़ा। समाज के अध्यक्ष रामवरन सिंह राठौर ने कहा कि संघर्ष काल से ही भाजपा के साथ तन मन धन से साथ खड़े रहे राठौड़ क्षत्रिय समाज के साथ भाजपा ने जो अन्याय व उपेक्षा का व्यवहार किया है, वह हालांकि माफी के लायक नहीं है लेकिन क्षमाशील स्वभाव रखने हमारा समाज पार्टी के कतिपय नेताओं की नासमझी से लिए गए फैसलों पर पार्टी को माफ कर पहले की ही तरह साथ खड़े रह सकता है लेकिन यह तभी संभव है जब स्वामी विवेकानंद मंडल के अध्यक्ष पद पर समर्पित कार्यकर्ता नरसिंह राठौर की नियुक्ति को बहाल किया जाए व पार्टी संगठन में होने जा रही नियुक्तियों में राठौड़ क्षत्रिय समाज को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो आगामी चुनावों में हर मोर्चे पर समाज द्वारा पार्टी का विरोध किया जाएगा।
पोलिंग बूथ अध्यक्ष को सीधे मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी ही नहीं जा सकती
समाज के अध्यक्ष रामवरन सिंह राठौर ने भाजपा के विधान एवं स्थापित परंपराओं का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी पोलिंग बूथ अध्यक्ष को सीधे मंडल अध्यक्ष जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी ही नहीं जा सकती। मंडल अध्यक्ष बनने के लिए पार्टी संगठन में कम से कम दो पदों का कार्यकाल पूर्ण करना अनिवार्य है। नरसिंह राठौड़ को हटाकर मंडल अध्यक्ष बनाए गए अमर कुटे इस अहर्ता को पूरा नहीं करते। पार्टी के एप पर देखा जा सकता है कि अमर कुटे पोलिंग बूथ क्रमांक 136 के अध्यक्ष पद का दायित्व संभाल रहे हैं, इस नाते वे मंडल अध्यक्ष पद के लिए पार्टी विधानानुसार अयोग्य हो जाते हैं।
वैसे भी वे दो वर्ष पूर्व ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। कई पीढ़ियों से पहले जनसंघ और फिर भाजपा में सेवाएं दे रहे परिवार के प्रतिनिधि नरसिंह राठौड़ को हटाकर अमर कुटे जैसे नवांगुतक कार्यकर्ता को मंडल अध्यक्ष बनाए जाने से पार्टी के निष्ठावान और वफादार कार्यकर्ता हतोत्साहित व निराश हुए हैं। यह रास्ता पार्टी को अवनति के पथ पर ले जा सकता है, लिहाजा पार्टी के नीति निर्धारकों को एक विशेष नेता के दवाब में लिए इस फैसले को बदलकर आज और अभी ही भूल सुधार कर लेना चाहिए।
फैसला नहीं बदला तो जहां चुनाव वहां भाजपा का खुला विरोध करेगा समाज : धर्मवीर राठौड़
राठौड़ क्षत्रिय समाज के युवा नेता धर्मवीर राठौड़ ने कड़े शब्दों में अपने रोष को जाहिर करते हुए चेतावनी दी कि स्वामी विवेकानंद मंडल के अध्यक्ष पद पर समर्पित कार्यकर्ता नरसिंह राठौर की नियुक्ति को बहाल नहीं किया गया तो उनका समाज भाजपा के हितों को नुकसान पहुंचाने का कोई मौका नहीं चूकेगा। अभी दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, जहां राठौड़ क्षत्रिय समाज निर्णायक स्थिति में है। इन चुनावी राज्यों की जिन सीटों पर राठौड़ क्षत्रिय समाज का बाहुल्य है, वहां भाजपा का खुला विरोध करते हुए समाज अपने समानांतर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार सकता है।
