सतना। अग्निवीर भर्ती में जिले के 11 युवाओं का चयन हुआ है. यह सिर्फ एक व्यक्ति की सोच और लगन का नतीजा है. पिछले करीब 15 सालों से जिले में रिटायर्ड फौजी के के शुक्ला युवाओं को सेना जैसी ट्रेनिंग दे रहे हैं. इनकी ट्रेनिंग की वजह से कई युवाओं ने सेना और पुलिस में सेवा करने का मौका मिला है.
जिले में सेना से रिटायर्ड एक फौजी युवाओं में देशभक्ति का जोश जगाकर उन्हें फौजी बना रहे हैं. रिटायर्ड फौजी की कठिन ट्रेनिंग का ही नतीजा है कि विगत दिनों सतना के 11 युवाओं का चयन अग्निवीर के तौर पर हुआ. पिछले 15 वर्षों से युवाओं को ट्रेनिंग देने का ये क्रम जारी है. इस सफलता के बाद अब रिटायर्ड फौजी केके शुक्ला की तारीफ हो रही है.
‘बिना थके चलते रहना आवश्यक’
शहर के गढ़िया टोला क्षेत्र में रहने वाले केके शुक्ला वर्ष 2008 में सेवा से रिटायर हुए. इसके बाद उन्होंने अपने अनुभव युवाओं को देना शुरू किया. 15 साल से तमाम युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं. कैसे अपना शरीर बनाएं? जीवन में अनुशासन और बिना थके चलते रहना आवश्यक है? सभी बारीकियों से अवगत कराया, जिसका नतीजा है कि उनसे ट्रेनिंग लेने वाले तमाम युवा अब सेना में चयनित हो चुके हैं या फिर पुलिस विभाग में सेवा दे रहे हैं.
15 युवाओं को मेडिकल परीक्षण के लिए जबलपुर बुलाया गया
बताया गया है कि गढ़िया टोला मंदिर के पास टीएनटी एकेडमी संचालित है, जिसमें बच्चों को सेना के लिए तैयार किया जाता है. सेना की कहानी, सेना की लड़ाई और वहां की कठिनाइयों का सामना कैसे करना है. हर रोज इसी की टिप्स दी जाती है. इसके अलावा बच्चों की शारीरिक फिटनेस पर काम किया जाता है. यही कारण है कि विगत दिनों कुल 15 युवाओं को मेडिकल परीक्षण के लिए जबलपुर बुलाया गया. अब 11 बच्चे अग्निवीर बनकर सेना की नौकरी करेंगे.
स्व प्रेरणा से जो आया उसे देता हूं ट्रेनिंग
रिटायर्ड फौजी केके शुक्ला ने कहा कि सेना का क्षेत्र स्व प्रेरणा का है. यदि किसी के अंदर देश के लिए कुछ कर गुजरने का माद्दा है, तो वही इसकी ओर आकर्षित होता है. मैं केवल बच्चों का वर्कआउट करवा देता हूं. सभी अपनी इच्छा से पहुंचते हैं. सुबह उनकी एक घंटे प्रैक्टिस करवाता हूं. उन्होंने बताया कि अपने बच्चों को ट्रेनिंग देने से प्रारंभ किया था और आज सैकड़ों बच्चे आ रहे हैं. अब तक कई सेवा में जा चुके हैं. अग्निवीर के दो बैच हुए, जिसमें 20-22 बच्चे सिलेक्ट हो चुके हैं.